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मानगो में गैंग वार में अमरनाथ गिरोह का अंत, साजन मिश्रा बना सरगना, जश्न के दौरान पुलिस ने दबोचा

जमशेदपुर : मानगो में अमरनाथ गिरोह का अंत हो गया है। दुमका जिले के जरमुंडी थाना क्षेत्र के बासुकीनाथ इलाके में गुरुवार को अमरनाथ की हत्या के बाद गिरोह बिखर गया है। गिरोह के एक गुट ने साजन मिश्रा को अपना सरगना मान लिया है।
सरगना बनते ही दबोचा गया
साजन मिश्रा

साजन सरगना बनने के बाद गुरुवार की रात अपने गुर्गों के साथ घाटशिला में नेशनल हाईवे पर एक ढाबा में जश्न मनाने पहुंचा था। जश्न की पार्टी गिरोह के सदस्य रोहित गुप्ता ने दी थी। दरअसल रोहित गुप्ता का बर्थडे था। इसी बहाने गैंग के सदस्यों ने जश्न मनाने का फैसला किया था। पुलिस पहले से साजन मिश्रा की तलाश में जुटी हुई थी। एसएसपी प्रभात कुमार ने साजन को दबोचने के लिए पुलिस की कई टीम बनाई थी। इसमें एमजीएम थाना प्रभारी राजकुमार के नेतृत्व में एक टीम बनी थी। दूसरी टीम का नेतृत्व घाटशिला थाना प्रभारी कर रहे थे। जश्न की इस पार्टी का फेसबुक लाइव कर दिया गया। जैसे ही पुलिस को सूचना मिली कि साजन मिश्रा नेशनल हाईवे पर एक ढाबे पर जश्न मना रहा है। पुलिस की टीमों ने उसे घेर लिया। मुठभेड़ हुई। पुलिस अपराधियों पर भारी पड़ी। साजन मिश्रा पुलिस पर फायरिंग करते हुए भाग रहा था। उसके पैर में गोली लगी है। पैर में गोली लगते ही साजन लड़खड़ा कर गिरा और पुलिसकर्मियों ने उसे दबोच लिया। इस मुठभेड़ के बाद बदमाशों के हौसले पस्त हो गए हैं। जानकारों का मानना है कि जमशेदपुर पुलिस एसपी प्रभात कुमार के दिशा निर्देश पर अपराधियों के पीछे पड़ी हुई है। घटनाओं को अंजाम देने से पहले ही अपराधी गिरफ्तार हो रहे हैं। बड़े और खतरनाक अपराधी एक-एक कर जेल भेजे जा रहे हैं। इससे अपराधियों का मनोबल गिरा है और उन्हें पता चल गया है कि वह पकड़े जाएंगे।
कौन है सजन मिश्रा
साजन मिश्रा वही अपराधी है, जिसने बुधवार को मानगो थाना क्षेत्र के सहारा सिटी के डुप्लेक्स के रहने वाले दीपक ओझा से 4 लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर उसके साथ मारपीट की थी। पिस्टल तान लिया था। वह तो कहिए कुछ लोग वहां पहुंचे तो अपराधी फरार हो गए थे।
अखिलेश व परमजीत गिरोह की दुश्मनी से निकला था अमरनाथ
जमशेदपुर के डान कहे जाने वाले अखिलेश सिंह की परमजीत गिरोह से दुश्मनी थी। अमरनाथ परमजीत गिरोह का सदस्य था। परमजीत की हत्या घाघीडीह जेल में कर दी गई थी। परमजीत की हत्या के बाद गिरोह की कमान अमरनाथ ने संभाली थी। अमरनाथ की दुश्मनी गणेश सिंह से चल रही थी। अमरनाथ की हत्या के पीछे भी गणेश सिंह का नाम सामने आ रहा है।

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