जमशेदपुर: मानगो के जवाहर नगर रोड नंबर 4 के रहने वाले युवक विकास मंडल की लाश एमजीएम अस्पताल की मोर्चरी में पड़ी थी। जबकि परिजन शहर में विकास मंडल को खोज रहे थे। बाद में परिजनों को पता चला कि एमजीएम अस्पताल की मोर्चरी में एक लावारिस लाश पड़ी हुई है। इस पर परिजन वहां पहुंचे और विकास मंडल की पहचान की। शव देखते हुए परिजनों में रोना पीटना मच गया।
स्विफ्ट डिजायर कार पर शव लेकर एमजीएम पहुंचे थे लोग
परिजन नहीं समझ पा रहे हैं कि विकास मंडल की मौत कैसे हुई। एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि बुधवार की देर रात एक स्विफ्ट डिजायर कार आई थी और इसी कार से विकास मंडल की लाश उतारी गई थी। शव को मोर्चरी में रखा गया था। परिजनों को एमजीएम अस्पताल में शव होने की जानकारी बुधवार की शाम को मिली। इसके पहले परिजन विकास मंडल की तलाश में जोर-शोर से जुटे हुए थे। परिजनों ने एसपी ऑफिस जाकर एसएसपी से भी गुहार लगाई थी। मानगो थाने में गुमशुदगी का केस भी दर्ज हुआ था।
मिस्ट्री बनी विकास मंडल की मौत
परिजनों की मांग है कि पुलिस इस मामले में छानबीन करे कि विकास मंडल की मौत कैसे हुई है। परिजनों ने बताया कि विकास मंडल बुधवार की रात डिमना चौक के बसंत विहार कॉलोनी निवासी अपने मित्र से मिलने गए थे। इसी के बाद उनका कुछ अता-पता नहीं चल पा रहा था। विकास मंडल की मौत एक मिस्ट्री बन गई है। जनता अब जानना चाहती है कि आखिर विकास मंडल की मौत कैसे हुई।
कौन थे स्विफ्ट डिजायर पर आए लोग
स्विफ्ट डिजायर पर वह कौन लोग थे जो विकास मंडल की लाश लेकर एमजीएम अस्पताल पहुंचे थे और एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों ने बिना किसी जांच पड़ताल और पूछताछ किए शव कैसे ले लिया। कहा जा रहा है कि एमजीएम अस्पताल के कर्मचारियों को स्विफ्ट डिजायर से आने वाले लोगों के बारे में पूरी पड़ताल करनी चाहिए थी और उनका नाम पता लेना चाहिए था। यह भी पूछना चाहिए था कि विकास मंडल की मौत कैसे हुई है।