बाई सिक्स कर्मियों को परमानेंट करने के मुद्दे पर टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन, टाटा मोटर्स प्रबंधन व श्राम विभाग के बीच हुआ समझौता
जमशेदपुर: टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन, टाटा मोटर्स प्रबंधन व श्रम विभाग के बीच बाई सिक्स कर्मियों को परमानेंट करने के मुद्दे पर गुरुवार को समझौता हो गया है। इस समझौते के अनुसार हर 3 महीने में 225 अस्थाई कर्मियों को परमानेंट किया जाएगा। एक साल में कुल 900 बाई सिक्स कर्मी परमानेंट होंगे। तय किया गया है कि 3 साल के अंदर सभी 2700 अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई कर दिया जाएगा। स्थाई होने वाले कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं होगा। यूनियन की सहमति के बिना वार्ड रजिस्ट्रेशन पूर्व की तरह चालू रहेगा। नए नियोजन के लिए एम्पलाई वार्ड को अप्रेंटिस के जरिए प्रवेश मिलेगा। अप्रेंटिस के बाद कंपनी खर्चे पर डिप्लोमा कराया जाएगा। डिप्लोमा के बाद नियोजन होगा। अगर कर्मचारी पुत्र या पुत्री आगे पढ़ना चाहते हैं तो उन्हें बीटेक और एम टेक तक की पढ़ाई कंपनी की तरफ से कराई जाएगी। यह जानकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस में टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के सलाहकार प्रवीण सिंह ने दी है।
तो अंधकारमय हो जाता अस्थाई कर्मचारियों का भविष्य
टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के सलाहकार प्रवीण सिंह ने कहा कि 2700 अस्थाई मजदूर के स्थाई करण पर यह ऐतिहासिक समझौता हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने नेता बनने के लिए श्रम आयुक्त को पत्र लिखा कि औद्योगिक विवाद को ट्रिब्यूनल में भेज दिया जाए। उन्होंने कहा कि अगर यह मामला कोर्ट कचहरी में फंसता तो 2700 अस्थाई कर्मचारियों का भविष्य अंधकारमय हो जाता। अब सभी 2700 अस्थाई मजदूर 3 साल में अस्थाई कर दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी स्थाई किए गए कर्मचारी जमशेदपुर प्लांट में ही काम करेंगे। एक महीने के अंदर अप्रेंटिस शिप की बहाली होगी। अप्रेंटिस शिप और डिप्लोमा के बाद सभी को नियोजित किया जाएगा। यूनियन के महामंत्री आरके सिंह ने समझौते के लिए टाटा मोटर्स के वाइस प्रेसिडेंट विशाल बादशाह, प्लांट हेड रविंद्र कुलकर्णी, एचआर हेड मोहन आदि को धन्यवाद दिया है।
समझौते में यह लोग रहे शामिल
इस समझौते में टाटा मोटर्स प्रबंधन की तरफ से बीपी विशाल बादशाह, प्लांट हेड रविंद्र कुलकर्णी, एचआर हेड मोहन, ईआर हेड सौमिक राय, लीगल हेड श्रीवर्धन, झारखंड सरकार की तरफ से श्रम आयुक्त व उप श्रम आयुक्त और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन की तरफ से अध्यक्ष गुरमीत सिंह, महामंत्री आरके सिंह, सलाहकार प्रवीण सिंह, कार्यकारी अध्यक्ष अनिल शर्मा और संयुक्त महामंत्री अजय भगत शामिल हुए।