रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पद पर बने रहेंगे। रांची में मुख्यमंत्री आवास पर बुधवार को हुई बैठक में फिलहाल यही लब्बोलुआब निकला है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह बैठक ईडी का आखिरी सम्मन आने के बाद आगे की रणनीति तय करने के लिए बुलाई थी। अंदरूनी सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आर पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। कांग्रेस और झामुमो के विधायकों ने भी मुख्यमंत्री का साथ देने का वादा किया और सभी ने कहा कि वह हर परिस्थिति में एकजुट हैं।फिलहाल प्लान ए यही बना है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ होने वाली हर साजिश का मुंह तोड़ जवाब दिया जाए। मुख्यमंत्री के पद पर हेमंत सोरेन ही बने रहें इसके लिए सत्ता पक्ष हर संभव कवायद में जुटा है। लेकिन अगर हालात बदलते हैं तो विधानसभा की गांडेय सीट का इस्तेमाल किया जा सकता है। मीटिंग में ऐसा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संकेत भी दिया है। गौरतलब है कि झामुमो के सरफराज हुसैन ने इस विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। चर्चा है की इस सीट से मुख्यमंत्री अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को विधानसभा का चुनाव लड़ा सकते हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनकी पत्नी सीएम नहीं बनेंगी। अब देखना है कि आगे की राजनीति क्या करवट लेती है। पूरे देश के सियासतदानों की नजर रांची पर टिक गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि एक बार फिर रांची में सत्ता के गलियारों में उठा पटक शुरू हो गई है। इसीलिए कांग्रेस और झामुमो के विधायकों को एकजुट रखने के लिए यह मीटिंग बुलाई गई थी।