Home > Education > पुस्तकें होती हैं सबसे अच्छी दोस्त : एक्सएलआरआई के निदेशक फादर एस जॉर्ज

पुस्तकें होती हैं सबसे अच्छी दोस्त : एक्सएलआरआई के निदेशक फादर एस जॉर्ज

जमशेदपुर: एक्सएलआरआई (जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट) जमशेदपुर में भारतीय पुस्तकालय विज्ञान के जनक स्व. डॉ. एसआर रंगनाथन याद किए गए । उनकी स्मृति में संस्थान के सर जहांगीर गांधी लाइब्रेरी में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में एक्सएलआरआई के डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज एसजे उपस्थित थे। उन्होंने डीन एकेडमिक्स प्रो. संजय पात्रो व अन्य प्रोफेसरों के साथ संयुक्त रूप से स्व. डॉ. एसआर रंगनाथन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके बाद डायरेक्टर फादर एस जॉर्ज ने सभी को संबोधित करते हुए पुस्तकों के महत्व से अवगत कराया। कहा कि हर इंसान के जीवन में पुस्तक व पुस्तकालय का अहम योगदान है। उन्होंने किताबों को अपना दोस्त बनाने का आह्वान किया। इस मौके पर लाइब्रेरी द्वारा विकसित इंस्टीट्यूशनल रिपोजिटरी की भी शुरुआत की गई। साथ ही दो अगस्त को आयोजित क्विज के विजेता को पुरस्कृत किया गया। इससे पूर्व शबनम अंसारी ने स्वागत भाषण दिया। इसमें उन्होंने अतिथियों का जहां स्वागत किया, वहीं डॉ. एसआर रंगनाथन की करियर यात्रा पर प्रकाश डाला। इस मौके पर अबूजर हुसैन और सावन कुमार प्रसाद ने डीस्पेस सॉफ्टवेयर के साथ डिजाइन व नई लांच की गई संस्थागत रिपोजिटरी का प्रदर्शन किया। डीन एकेडमिक्स प्रो. संजय पात्रो ने पुस्तकालय और इसकी कार्यक्षमता के बारे में अपने विचार साझा किए। उन्होंने पुस्तकालय टीम की उनकी सेवा के लिए प्रशंसा की और इस औपचारिक समारोह में एकत्र हुए संकाय, स्टाफ सदस्यों, विद्वानों और छात्रों को भी बधाई दी। उन्होंने लाइब्रेरी के वर्चुअल टूर का एक वीडियो लांच किया।

You may also like
Multy Skill : टाटा मोटर्स के 98 कर्मचारियों को मिला मल्टी स्किल का फायदा
Santosh Murder Case : मानगो के संतोष सिंह हत्याकांड के मास्टरमाइंड रोहित दीक्षित समेत 5 आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने भेजा जेल
Brown Sugar : जमशेदपुर में फैला हुआ है ब्राउन शुगर बिक्री का जाल, परसुडीह पुलिस ने 30 लाख रुपए की ब्राउन शुगर के साथ एक बदमाश को भेजा जेल
Bistupur Robbery में बरामद सोने की चेन व चाकू
Bistupur Robbery : बिष्टुपुर में कारोबारी के घर पड़ी डकैती का पुलिस ने किया खुलासा, 5 बदमाशों को भेजा जेल

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!