Home > Jamshedpur > आशूरा को मनाया जा रहा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का गम, हर तरफ हो रहा मातम, जानें मुहर्रम क्या है

आशूरा को मनाया जा रहा इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का गम, हर तरफ हो रहा मातम, जानें मुहर्रम क्या है

जमशेदपुर : आज मोहर्रम की 10 तारीख है। आज अजादार अपने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शहादत का पुरसा पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफा को दे रहे हैं। दिल्ली ही नहीं देश के अन्य शहरों पटना, रांची, कोलकाता, चेन्नई, मुंबई, अहमदाबाद, जमशेदपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, फैजाबाद, छपरा, सिवान आदि शहरों में भी अजा के जुलूस निकल रहे हैं। ताजिया के जुलूस निकाले गए हैं। नौहा खानी हो रही है। अजादार कमा और जंजीर का भी मातम कर रहे हैं। अपने देश ही नहीं ईरान, इराक, सऊदी अरब, पाकिस्तान, अजरबाई जान, अमेरिका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया समेत सभी देशों में इमाम हुसैन का गम मनाया जा रहा है।
इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पैग़ंबरे अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे व आलेही वसल्लम के नवासे हैं। जब यजीद खिलाफत के तख्त पर बैठा और हुकूमत की बागडोर अपने हाथों में ली। तो उसने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से बैयत मांगी। इमाम हुसैन ने बात करने से इनकार किया। इसके बाद यजीद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के कत्ल के मंसूबे बनाने लगा। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम जब मक्के में हज करने पहुंचे तो वहां यजीद ने हाजियों के भेस में कातिल भेजें। ताकि इमाम हुसैन को वहां शहीद किया जा सके। इमाम हुसैन को इसकी खबर हुई तो उन्होंने कहा कि वह काबे की हुरमत को हर कोशिश करके बचाएंगे। इसी वजह से इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने हज को उमरे में बदला और कर्बला पहुंच गए। कर्बला में 10 मोहर्रम को यजीदी फौजों ने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम पर तब हमला कर दिया जब वह नमाज अदा कर रहे थे। इस पहले हमले में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के कई साथी शहीद हुए। इसके बाद इमाम ने अपने साथियों को मैदान में भेजना शुरू किया। पहले हजरत हुर का बेटा मैदान में गया और शहीद हुआ। फिर हुर शहीद हुए। एक-एक करके इमाम हुसैन के साथी शहीद हुए। जब इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने अपने जवान बेटे अली अकबर को मैदान में भेजा तो बहुत रोए और आसमान का रुख करके कहा ऐ परवरदिगार मैं अब कुर्बानी के लिए अपने उस बेटे को भेज रहा हूं जो शक्ल और सूरत में रसूले अकरम हजरत मोहम्मद मुस्तफा जैसा है। अली अकबर मैदान में आए। जंग की। अमर ने कहा कि सब घेर कर अली अकबर पर हमला करो। फौजियों ने एक साथ हमला किया। अली अकबर के सीने में भाला मारा। हजरत अली अकबर नीचे गिरे और आवाज दी, तो इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम उनके पास पहुंचे। इमाम ने आवाज दी ऐ बेटा अली अकबर, तुम्हारे मरने के बाद मेरे आंखों की रोशनी चली गई। इमाम हुसैन की फौज के अलमदार हजरत अब्बास मैदान में आए। उन्हें पानी लाने के लिए भेजा गया था। पानी लेकर जब वह खैमे की तरफ आ रहे थे तो यजीदी फौज उन पर टूट पड़ी। इमाम हुसैन ने हजरत अब्बास को जंग की इजाजत नहीं दी थी। इसलिए वह तलवार साथ नहीं ले गए थे। यजीदियों ने हजरत अब्बास को शहीद कर दिया। इमाम हुसैन उनके पास पहुंचे और नौहा पढा, ऐ भाई तुम्हारे मरने से हुसैन की कमर टूट गई। अब हुसैन अकेले बचे। खैमे में पहुंचे तो देखा 6 महीने का उनका बच्चा अली असगर प्यास से तड़प रहा है। अली असगर की मां रबाब से कहा लाओ, तुम्हारे बच्चे को पानी पिला लाऊं। बच्चे को लेकर मैदान में आए और यजीदी फौज से कहा कि यह बच्चा है। इसको पानी पिला दो। लेकिन यजीदी फौज की तरफ से हुरमुला ने तीर मारा और बच्चा बाप के हाथों पर कत्ल हो गया। अब हुसैन अकेले रह गए। मैदान में पहुंचे। हमला किया। इतिहास में लिखा है कि यह यादगार हमला था। 3 दिन का भूखा प्यासा हुसैन 57 साल की उम्र में एक ऐसी जंग कर रहे थे, जिस पर सबको हैरत है। यजीदी फौजें भागने लगीं। यजीदी गुहार लगा रहे थे। तभी आसमान से एक आवाज आई। नैजै पे नैजे खा चुके। बस ए हुसैन बस। हम तुमको आजमा चुके। ऐ हुसैन बस। सर को झुका दो खंजर ए बेदाद के लिए। कुछ इम्तिहान छोड़ दो सज्जाद के लिए। मौला ने अपनी तलवार म्यान में रखी। भागी हुई फौजें पलटीं और मौला हुसैन पर हमला कर दिया गया। कोई तलवार मारता था। कोई तीर चला रहा था। कोई खंजर मारता था। कोई भाले से वार कर रहा था। जिसके पास कुछ नहीं था वह पत्थर व रेत फेंक रहा था। इमाम हुसैन ज़ख्मों से चूर हो गए। लेकिन, घोड़े ने उनको जमीन पर गिरने नहीं दिया। किसी शायर ने लिखा- गिरने ना दिया उसने शहे मशरेकैन को, खुद बैठकर जमीन पर उतारा हुसैन को। कुरआन रेहले जीं से सरे फर्श गिर पड़ा। दीवार ए काबा बैठ गई, अर्श गिर पड़ा। मकतल से आई फातमा जहरा की ये सदा, उम्मत ने मुझे लूट लिया वा मोहम्मदा। उन्नीस सौ हैं जख्म तने चाक चाक पर, जैनब निकल हुसैन तड़पता है खाक पर। इमाम हुसैन ने सजदे में सर रख दिया। यजीदी फौज से शिम्र बढा और उसने इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का सर कलम कर दिया।

इसे भी पढ़ेंमानगो के जाकिर नगर इमामबारगाह में मजलिस के बाद निकले हजरत अली अकबर अलैहिस्सलाम के ताबूत, अजादारों ने की जियारत

You may also like
Jamshedpur Crime : साकची की महिला देबिका दास से 30 लाख रुपए ठग कर पति पर हो गया फरार +VDO
Jamshedpur Good Friday : बिष्टुपुर व गोलमुरी चर्च में हुई प्रार्थना +VDO
Buldozer Action : आदिवासियों ने उलीडीह व बिरसानगर से हटाया अतिक्रमण, बिरसानगर में गरजा बुल्डोजर+ VDO
Ranchi Wine Smuggling : रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया शराब तस्कर
Ranchi Wine Smuggling: रांची रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने अवैध शराब के साथ दो लोगों को किया गिरफ्तार

You cannot copy content of this page

error: Content is protected !!