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विधायक सरयूराय ने दवा खरीद में घोटाले का स्वास्थ्य विभाग पर लगाया आरोप, बिष्टुपुर में की सीएम से जांच की मांग+ वीडियो

न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने बिष्टुपुर स्थित अपने आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग पर दवाओं की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया है। विधायक सरयू राय ने कहा कि टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद कम लागत का टेंडर डालने वाली कंपनी से दवा खरीदने के बजाय 6 गुना अधिक रेट पर दवाएं खरीदी गई। कंपनियों का मनोनयन कर केंद्र सरकार की पांच कंपनियों से काफी अधिक दर पर दवा की खरीद की गई। इससे प्रदेश सरकार के खजाने को 150 करोड़ रुपए से अधिक की चोट पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि दवा की खरीद अभी भी जारी है। विधायक सरयू राय ने बताया कि 22 अप्रैल साल 2020 को स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न प्रकार की दवाओं की खरीद के लिए निविदा निकाली थी। टेंडर निकला था। न्यूनतम दर वाली कंपनी का चयन भी कर लिया गया था और 15 जून साल 2020 को उन्हें स्वीकृति पत्र भी भेजा गया कि 19 जून तक सरकार से इकरारनामा बना लें। ताकि उन्हें दवा का क्रय आदेश जारी किया जा सके। लेकिन बाद में यह खरीद रोक दी गई। बाद में स्वास्थ्य विभाग ने एक फाइल तैयार की और उसमें लिखा कि राज्य के अस्पतालों में 103 किस्म की दवाओं की जरूरत है। इनको मनोनयन के आधार पर खरीदा जाएगा। इसके लिए वित्तीय नियमावली के नियम 235 को शिथिल किया गया और नियम 245 के तहत मनोनयन के आधार पर दवा क्रय करने का प्रस्ताव तैयार कर 28 दिसंबर साल 2020 को कैबिनेट की स्वीकृति प्राप्त कर ली। तब से उनके रेट पर दवा की खरीद जारी है। विधायक सरयू राय ने बताया कि इसी तरह की खरीद साल 2017 में तत्कालीन झारखंड सरकार ने मनोनयन से करने की योजना थी। परंतु संकल्प में वित्तीय विभाग ने यह शर्त लगा दी थी कि इन जेनेरिक दवाओं का क्रय वर्ष 2017-18 के लिए ही किया जाए। यह संकल्प 13 सितंबर साल 2017 को पारित हुआ था। सरयू ने मांग की है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले की जांच कराएं और दवाओं की खरीद की फाइल स्वास्थ्य विभाग से मंगवाएं। विधायक सरयू राय ने सवाल उठाया कि मुख्यमंत्री के मांगने पर स्वास्थ्य मंत्री यह फाइलें भेजते हैं या नहीं। यह भी देखने की बात होगी। सरयू राय ने कहा कि पहले भी कई मामलों की फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधायकों के कहने पर मंगवाई है। लेकिन, स्वास्थ्य विभाग ने फाइलें मुख्यमंत्री कार्यालय को नहीं भेजीं।

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