Jamshedpur : (Transporter Murder) मानगो थाना क्षेत्र के गुरुद्वारा रोड के रहने वाले ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की हत्या का राज खुलने लगा है। पुलिस की अब तक की जांच में पता चला है कि डब्बू दीक्षित की हत्या का बदला लेने के लिए उसके बेटे रोहित दीक्षित ने हत्या की वारदात का प्लान तैयार किया था। रोहित संतोष सिंह हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। पुलिस इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ कर रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही पुलिस घटना का खुलासा कर हत्यारोपियों को जेल भेजेगी।
Transporter Murder में रोहित नौ लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
Transporter Murder में मानगो थाने में मृतक संतोष सिंह के बड़े भाई पूर्व कांग्रेसी नेता जितेंद्र सिंह के आवेदन पर नौ लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है। इसके अलावा, कई अज्ञात भी रिपोर्ट में शामिल हैं। जिन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है, उनमें डब्बू दीक्षित का बेटा रोहित दीक्षित, प्रेम दीक्षित, गीता दीक्षित, डोली दीक्षित, शुभम कुमार, निखिल सिंह और विमल गोप उर्फ टकला शामिल हैं।
इसे भी पढ़ें – Transporter Murder Case : मानगो में ट्रांसपोर्टर संतोष सिंह की गोली मारकर हत्या, कैसे हुई वारदात बता रहे प्रत्यदर्शी
11 साल पहले हुई थी डब्बू की हत्या
डब्बू दीक्षित की हत्या साल 2014 में मानगो में ही कर दी गई थी। इस मामले में संतोष सिंह और उनके बड़े भाई जितेंद्र सिंह भी आरोपी थे। इन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बताते हैं कि इधर बीच रोहित दीक्षित के दोस्त उसे ताना मार रहे थे कि उसके पिता के हत्यारे खुलेआम घूम रहे हैं। इसी के बाद रोहित ने हत्या का प्लान तैयार किया।
परमजीत गिरोह का शूटर था डब्बू दीक्षित
गुरुद्वारा रोड का रहने वाला डब्बू दीक्षित परमजीत सिंह गैंग का शूटर था। सितंबर साल 2014 में गुरुद्वारा रोड पर ही डब्बू को मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में जितेंद्र सिंह और संतोष सिंह भी आरोपी थे। डब्बू दीक्षित की गुरुद्वारा रोड पर दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या की गई थी। डब्बू दीक्षित का नाम परशुराम दीक्षित भी है। गोली लगने के बाद डब्बू दीक्षित को टीएमएच ले जाया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। बताते हैं कि डब्बू दीक्षित और कांग्रेस के पूर्व नेता जितेंद्र सिंह के बीच काफी पुराना विवाद चल रहा है। साल 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान जितेंद्र सिंह ने डब्बू दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि जितेंद्र सिंह के बॉडीगार्ड के लाइसेंसी हथियार को छीनने की कोशिश की गई। मारपीट कर धमकी भी दी गई थी।