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कोरोना में पर्यटन उद्योग के बर्बाद होने से दिवालिया हुआ श्रीलंका

सात अरब डालर का है कर्ज, खाली हो गया है विदेशी मुद्रा भंडार
न्यूज़ बी रिपोर्टर, कोलंबो :
श्रीलंका दिवालिया हो गया है। उसकी आर्थिक स्थिति काफी डांवाडोल है। खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। राजनीतिक हालात स्थिर हो गए हैं। राष्ट्रपति देश छोड़कर फरार हो गए। कोलंबो में कर्फ्यू लगा हुआ है। देश की यह हालत कोरोना में हुई है। श्रीलंका का मुख्य उद्योग पर्यटन है। पर्यटन से ही देश को बड़ी आमदनी होती थी। लेकिन, कोरोना में 2 साल पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठप पड़ गया। टूरिज्म इंडस्ट्री बर्बाद हो गई। श्रीलंका की सरकार यह नहीं समझ पाई कि देश की आर्थिक स्थिति को कोरोना कॉल में कैसे संभालना है। इसी बीच साल 2019 में सीरियल धमाके हो गए। जिस ने रही सही कसर पूरी कर दी और पर्यटन उद्योग पूरी तरह ध्वस्त हो गया। इसके चलते श्रीलंका की हालत खराब हो गई। पर्यटन उद्योग पटरी से उतरने की वजह से श्रीलंका पर विदेशी कर्ज का बोझ हो गया। उस पर सात अरब डॉलर से अधिक का कर्ज है। विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है। श्रीलंका ने साल 2021 में खेती की पद्धति को भी बदलने का ऐलान किया और ऑर्गेनिक खेती करने के निर्देश दिए। इसका भी कृषि उपज पर नकारात्मक असर पड़ा और पैदावार घट गई। इससे खाद्य पदार्थों के दाम आसमान छूने लगे। विदेशी मुद्रा भंडार कम होने की वजह से श्रीलंका विश्व मार्केट से महंगा तेल नहीं खरीद सका। इससे देश में पेट्रोलियम पदार्थों की कमी होने से इसके दाम आसमान छूने लगे। हालांकि, रूस ने सस्ते तेल बेचने का ऐलान किया था, लेकिन श्रीलंका इससे भी फायदा नहीं उठा सका।

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