न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : सेंट्रल प्रबंधक गुरुद्वारा कमेटी (गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) में रविवार को हुआ बवाल तूल पकड़ता जा रहा है. सोमवार को सुबह सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरुमुख सिंह मुखे ने प्रेस कांफ्रेंस कर भगवान सिंह पर रविवार को हुई बैठक में बवाल कराने का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह पिछले दरवाजे से सीजीपीसी का प्रधान बनना चाहते हैं. शाम को मानगो गुरुद्वारा में भगवान सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस की। इस प्रेस कांफ्रेंस में भगवान सिंह सीजीपीसी के पूर्व प्रधान गुरुमुख सिंह मुखे के खिलाफ जमकर बरसे. भगवान सिंह ने कहा कि वह किसी भी कीमत पर गुरुमुख सिंह मुखे की देखरेख में नगर कीर्तन नहीं निकलने देंगे। उन्होंने कहा कि गुरुमुख सिंह मुखे किस चरित्र के आदमी है संगत जानती है. ऐसा आदमी नगर कीर्तन निकालेगा यह भगवान सिंह कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। भगवान सिंह ने कहा कि रविवार को सीजीपीसी कार्यालय में जो हंगामा हुआ वह गुरुमुख सिंह मुखे ही ने कराया था। यह नगर कीर्तन खुद निकालना चाहते थे। लेकिन, जब इन्होंने देखा कि बैठक में इसका विरोध हो गया है और नगर कीर्तन का प्रबंध अब उन्हें नहीं मिलेगा तो उन्होंने लोगों पर निजी कमेंट करना शुरू कर दिया।
उनका मकसद था कि बवाल हो जाए। निजी कमेंट कौन बर्दाश्त करेगा। भगवान सिंह ने कहा कि पटना साहिब से जब पांच सदस्यीय कमेटी बनाने का आदेश आया था तो गुरुमुख सिंह मुखे इसे नहीं मान रहे थे. अब अचानक ये क्यों पांच सदस्यीय कमेटी को मानने लगे हैं।
भगवान सिंह ने आरोप लगाया कि वह रातो रात पटना साहिब गए और वहां से एक पत्र लाए। अब वह पत्र दिखा कर कह रहे हैं कि पांच सदस्यीय कमेटी भंग हो गई। जबकि, पटना साहिब में 20 अक्टूबर को मीटिंग है। तब तक के लिए पांच सदस्यीय कमेटी को रोका गया है।