न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : रांची के जोनल आईजी पंकज कंबोज ने एसएसपी ऑफिस का गुरुवार को निरीक्षण किया। निरीक्षण करने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में जोनल आईजी ने निर्देश दिया है कि पुलिस 15 साल में लूट डकैती और नक्सली घटनाओं में आरोपित बदमाशों का पता लगाएं। उनकी सूची बनाएं और देखें कि अभी वह क्या कर रहे हैं। उनकी निगरानी की जाए। जो लोग जिले से बाहर चले गए हैं तो संबंधित एसपी को उनके बारे में जानकारी देकर उनकी निगरानी कराई जाए। जोनल आईजी सालाना निरीक्षण पर जमशेदपुर आए थे। उन्होंने कहा कि पुलिस लाइन का निरीक्षण को बाद में करेंगे। उन्होंने पुलिस विभाग के सुपरवाइजरी अधिकारियों के काम की समीक्षा की। पत्रकार वार्ता कर उन्होंने बताया कि कई सुपरवाइजरी अधिकारियों ने कुछ निरीक्षण किए हैं। कुछ निरीक्षण बाकी हैं। उनको मार्च तक सारे निरीक्षण पूरा करने को कहा गया है। जोनल आईजी ने निर्देश दिया है कि साल 2017 से अब तक के सारे लंबित केस निस्तारित करना है। जिन मामलों में जांच के लिए राज्य से बाहर जाना है उन्हें भी जांच कर निस्तारित कर दिया जाए। जोनल आईजी ने कहा कि जो लोग मादक पदार्थों के धंधे में लगे हैं और जो लोग महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपी हैं, उनका नाम गुंडा रजिस्टर में दर्ज किया जाए। देखें कि यह मादक पदार्थ कहां से आ रहे हैं और इंटरस्टेट मीटिंग में इस बात को उठाएं और संबंधित राज्यों को सूचना दें ताकि वह भी इस पर काम कर सकें। नक्सली गतिविधियों को लेकर जोनल आईजी ने कहा कि पुलिस उन इलाकों में कार्रवाई कर रही है जो नक्सलियों के गढ़ माने जाते थे। इसी वजह से पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों ने कई जगह आईडी बम लगाए हैं। इन्हीं की चपेट में कभी गांव वाले आ जाते हैं तो कभी मवेशी आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलियों पर लगातार शिकंजा कसा जा रहा है। कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर किया है। नक्सल गतिविधियों को नियंत्रित कर लिया गया है। जोनल आईजी ने जमशेदपुर में पुलिस गश्त की निगरानी के लिए एसएसपी द्वारा शुरू किए गए क्यूआर कोड निगरानी सिस्टम की तारीफ की। जोनल आईजी ने एसएसपी को निर्देश दिए हैं कि 25 साल पुराने जिन केस में फैसला हो चुका है और आगे अपील नहीं हुई है, जो केस बंद हो चुके हैं और रिकॉर्ड किसी काम के नहीं है, उनको नियमानुसार ठिकाने लगा दिया जाए ताकि ऑफिस में और जगह बन जाए।
यह भी पढें – पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सीएम हेमंत सोरेन को दी 1932 का खतियान लागू करने की चुनौती, बोले दम है तो लागू करें 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति व 27% आरक्षण