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गोविंदपुर के प्रिया गार्डन से 12 दिसंबर को अपहृत सुनील पांडे का अब तक नहीं पता चला लगा सकी पुलिस, विरोध स्वरूप परिजनों ने रखा उपवास

न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : उलीडीह के रहने वाले सुनील पांडे का 12 दिसंबर को छोटा गोविंदपुर के प्रिया गार्डन से अपहरण हो गया था। एक महीना गुजर जाने के बाद भी पुलिस अब तक इस मामले में ना तो किसी को गिरफ्तार कर सकी है और ना ही सुनील पांडे का पता लगा सकी है। सुनील पांडे के परिजन परेशान हैं। विरोध स्वरूप परिजनों ने गुरुवार को उपवास रखा है और पुलिस से मांग की है कि सुनील पांडे का जल्द पता लगाया जाए और उनके अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाए। सुनील पांडे की बेटी ज्योति पांडे ने बताया कि उनके पिता 12 दिसंबर को घर से निकले थे और प्रिया गार्डन गए थे। सीसीटीवी में प्रिया गार्डन में उनके पापा मौजूद दिखाई देते हैं। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि शाम को 3:45 के आसपास सुनील पांडे प्रिया गार्डन पहुंचे थे। आसपास रहने वालों का कहना है कि घटना वाले दिन प्रिया गार्डन से चिल्लाने की आवाज आई है। दो-तीन लोग सुनील पांडे के मकान की खिड़की से बाहर झांक रहे थे।
सुनील पांडे की बेटी ने बताया कि उन्हें दो लोगों शंभू पांडे और दिवाकर मिश्रा पर शक है कि यही लोग उसके पापा का अपहरण कर ले गए हैं। इन दोनों से सुनील पांडे की अनबन हुई थी। शंभू पांडे से सुनील पांडे का लेनदेन का विवाद चल रहा था। दिवाकर मिश्रा के फोन से एक इंजेक्शन का फोटो मिला है। इंजेक्शन बेहोश करने के काम में आता है। शंभू ने सुनील पांडे से 6 लाख रुपए लिए थे। लेकिन, वह पुलिस के सामने मुकर गया और 2 लाख रुपए देने की बात स्वीकार की। सुनील पांडे की बेटी ने बताया कि पुलिस जांच में दिवाकर मिश्रा का 12 दिसंबर को घटना के समय प्रिया गार्डन में ही लोकेशन मिला है। इससे शक और गहरा रहा है। सुनील पांडे के फोन से पता चला है कि शाम को 4:45 बजे उसने सुनील पांडे से फोन पर बात की है। जबकि पुलिस को वह पहले बता रहा था कि उसकी सुनील पांडेय से आखरी बात सुबह 11:00 हुई है। अपहरण के बाद भी अपहरण कर्ताओं ने फोन कर घरवालों को धमकी दी थी। परिवार के लोगों का कहना है कि लेनदेन के मामले में दिवाकर मिश्रा हमेशा किसी दबंग आदमी का नाम लेकर सुनील पांडे को धमकाया करता था कि उसका पैसा है। ‌सुनील पांडे के परिजनों का कहना है कि थाने पर जब भी शंभू पांडे और दिवाकर मिश्रा से पूछताछ की जाती है तो यह लोग तीन चार गाड़ी में दर्जनों लोग पहुंचते हैं और शान से पुलिस के सामने झूठ बोल कर चले जाते हैं। पुलिस परिजनों को यही बता रही है कि जांच चल रही है। जल्द ही खुलासा होगा। अब परिजनों का धैर्य टूटता जा रहा है कि आखिर कब खुलासा होगा। परिजनों ने बताया कि जब वह टाटानगर रेलवे स्टेशन पर सुनील पांडे की कार लेने पहुंचे तो वहां सीसीटीवी में दिख रहा है कि एक अपरिचित आदमी कार पार्किंग में खड़ी करता है। यही नहीं प्रिया गार्डन के आसपास जो 4 कैमरे लगे थे वह घटना वाले दिन खराब हो गए थे और अगले दिन सही हो गए थे। परिजन इसे भी साजिश मानते हैं। टाटानगर रेलवे स्टेशन पार्किंग के पास भी कैमरे खराब हो गए थे। एक कैमरे में आरोपी की छोटी सी झलक दिखती है। परिजनों ने बताया कि 13 दिसंबर को रात में अपहरणकर्ता की कॉल आई थी और उसने 10 लाख रुपए मांगे थे। धमकी दी थी रुपए नहीं मिले तो सुनील पांडे को मार कर फेंक देंगे। इसके बाद अगले दिन कॉल आई। 13 दिसंबर को अपहरणकर्ता ने फोन कर जुगसलाई रेलवे फाटक पर पैसे देने के लिए बुलाया था। तब तक परिजन पुलिस से संपर्क कर चुके थे। जुगसलाई थाने में परिजन मौजूद थे। लेकिन पुलिस अपहरणकर्ता का लोकेशन नहीं पता कर सकी। इसके बाद भी अपहरणकर्ताओं ने कई कॉल की। लेकिन पुलिस ने परिजनों को मना किया था कि कॉल नहीं उठाना है। बाद में एक व्हाट्सएप पर कॉल आया। बाद में पुलिस वालों के कहने पर सुनील पांडे का नंबर बंद करा दिया गया। इसके बाद से अपहरणकर्ताओं का कोई फोन नहीं आया। पुलिस अब तक सुनील पांडे का पता नहीं लगा सकी है। परिजनों की मांग है सुनील पांडे का जल्द पता लगाया जाए।

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