रांची : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद फिलहाल प्रदेश में अभी कोई मुख्यमंत्री नहीं है। राज्यपाल की तरफ से कोई ऐलान नहीं किया गया कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री कौन होगा। हेमंत सोरेन का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद महागठबंधन की तरफ से विधायक दल का नेता चंपई सोरेन को चुना गया है। संयुक्त गठबंधन विधायक दल के नेता के तौर पर चंपई सोरेन ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को एक पत्र दिया है। इसमें कहा गया है कि वह विधायक दल की बैठक में विधायक दल के नेता चुने गए हैं। उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल, माले और अन्य विधायकों का समर्थन प्राप्त है। चंपई सोरेन ने दावा किया है कि उन्हें 47 विधायकों का समर्थन मिला हुआ है। चंपई सोरेन के इस दावे पर अभी राज्यपाल की तरफ से कुछ नहीं कहा गया। अब गेंद राज्यपाल के पाले में है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि संयुक्त गठबंधन विधायक दल के नेता चंपई सोरेन के पास विधायकों का बहुमत है। वह विधायकों को लेकर राजभवन गए थे। अगर उनके पास बहुमत है तो राज्यपाल को चाहिए कि वह चंपई सोरेन के दावे को मानते हुए शपथ ग्रहण का समय तय कर दें। एक राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि अभी कुछ दिन पहले ही बिहार में ऐसा हुआ भी है। नीतीश कुमार ने सरकार बनाने का दावा पेश किया और राज्यपाल ने फौरन शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया। राज्यपाल की तरफ से इस मामले में देर किए जाने से झामुमो और कांग्रेस के विधायक चिंतित हैं। विधायकों का कहना है कि राजभवन भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर काम कर रहा है।
राष्ट्रपति शासन की भी चर्चा
भारतीय जनतंत्र मोर्चा के नेता व जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने एक्स पर लिखा है कि झारखंड में कोई सरकार नहीं है। इसलिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। उनके इस बयान से लगता है कि झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की भी कोशिश हो रही है। राजनीतिक पंडित मानते हैं कि अब झारखंड का भविष्य राज्यपाल के रुख पर केंद्रित है कि राज्यपाल अगला कदम क्या उठाते हैं। माना जा रहा है कि अगर सरकार के गठन में देर होती है तो इससे विधायकों में तोड़फोड़ को भी बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इसकी संभावना कम है। क्योंकि इसी साल अंत में विधानसभा के चुनाव भी होने हैं। इसलिए विपक्षी चाहेंगे कि राष्ट्रपति शासन लग जाए। कहा जा रहा है कि नैतिकता के हित में राज्यपाल को कोई भी फैसला फौरन लेना चाहिए। वहीं झामुमो के कई विधायकों ने राज्यपाल की मंशा पर भी सवाल उठा दिए हैं।
हेमंत सोरेन को कोर्ट में किया जाएगा पेश
ईडी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार को 10:00 बजे कोर्ट में पेश करेगी। इसके बाद तय होगा कि हेमंत सोरेन कहां जाएंगे। गिरफ्तारी के बाद उन्हें कहां रखा जा सकता है। सूत्र यह बताते हैं कि ईडी पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को रिमांड पर ले सकती है।