न्यूज़ बी : हमास की कैद में इसराइल के 138 बंधक अभी भी मौजूद हैं। इनमें अधिकतर सैनिक और सेटलर हैं। इन बंधकों के परिजनों में बेचैनी फैलने लगी है। परिजनों ने मंगलवार को यारुशलम में एक मार्च निकाला। यह मार्च यरुशलम की सुप्रीम कोर्ट बिल्डिंग के करीब से प्रधानमंत्री कार्यालय तक निकाला गया। प्रदर्शनकारी ‘ब्रिंग होम देम’ के पोस्टर लिए हुए थे। प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे कि प्रत्येक बंधक को घर लाना सरकार की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अब समय खत्म हो चुका है और अब मेज पर एक डील की जरूरत है। बंधकों के परिवार के लोग नारे लगा रहे थे कि हमारे दिल गजा में बंधक हैं। गौरतलब है कि युद्ध विराम खत्म होने के बाद एक दिसंबर को इसराइल ने गजा में एक बार फिर भीषण हमले शुरू किए थे। इसराइल ने गजा में नागरिक ठिकानों पर हमले किए हैं। इनमें स्कूल, शरणार्थी कैंप और आवासीय इमारतों को निशाना बनाया गया है। कई दिनों के युद्ध के बाद भी इसराइली अपने बंधकों को नहीं छुड़ा पाए हैं। यही नहीं अब इसराइली सेना के पैर उखाड़ने लगे हैं। हमास ने दावा किया है कि उसने गजा के कई इलाकों से इसराइलियों को खदेड़ दिया है। मंगलवार को गजा के अल्फ़लूजा के अलावा जबलिया कैंप के उत्तरी और पश्चिमी इलाके से इसराइली फौजियों को बाहर निकाल दिया गया है। माना जा रहा है कि इसराइल की सरकार अब दबाव में आ गई है। हमास से दोबारा वार्ता शुरू करने का बहाना खोज रही है। इसी के चलते यह प्रदर्शन कराया जा रहा है। ताकि लोगों को समझाया जा सके कि इसराइल जनता के दबाव में वार्ता की मेज पर आना चाहता है।