न्यूज बी रिपोर्टर, यूपी : हमीरपुर जिले में गैर अनुसूचित जाति के व्यक्ति को भूमि बेचने की अनुमति देने के मामले में जिला मजिस्ट्रेट डॉ चंद्र भूषण ने संस्कृत में फैसला सुनाया। फैसले की कॉपी 4 पेज में लिखी गई है। जिला मजिस्ट्रेट जब संस्कृत में फैसला सुना रहे थे, तो वादी और वकील एक-दूसरे का मुंह ताक रहे थे। उनको कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था। फैसला सुनाने के बाद जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि उन्होंने संस्कृत में इसलिए फैसला सुनाया है, ताकि इस भाषा को बढ़ावा मिले। जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत से पीएचडी किया है।
हमीरपुर जिले के गिरवर राठ गांव का है मामला
बताते हैं कि गिरवर राठ गांव के अनुसूचित जाति के संतोष कुमार की उमरिया गांव में लगभग 3 हेक्टेयर कृषि भूमि है। संतोष ने कोर्ट में बताया कि उसके ऊपर सरकारी कर्ज है। वह बीमारी से परेशान है और इलाज के लिए वह गैर अनुसूचित जाति के 2 लोगों को भूमि बेचना चाहता है। भूमि का सौदा दो हिस्सों में होगा। जिला मजिस्ट्रेट ने मामले की जांच एसडीएम और तहसीलदार से कराई। इसके बाद संतोष को गैर अनुसूचित जाति के लोगों को भूमि बेचने की अनुमति दी गई है।
फैसले से अधिवक्ता संघ खुश
इस फैसले से हमीरपुर का अधिवक्ता संघ खुश है। अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत में फैसला सुना कर एक इतिहास रच दिया है। यह ऐतिहासिक फैसला है। जिला मजिस्ट्रेट न्यायालय में इससे पहले कभी भी संस्कृत भाषा में निर्णय पारित नहीं किए गए। इससे संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब वह भी भाषा को जानने और समझने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर अंग्रेजी में फैसले पारित किए जाते हैं।
Hameerpur news, In Jamshedpur Jharkhand, jamshedpur, Jamshedpur Jharkhand, JAMSHEDPUR news, Jamshesdpur News, Jharkhand, Jharkhand News, Jila magistrate speaks dicision in Sanskrit in Hameerpur Court, News Bee news, UP News, एमजीएम में भर्ती, जमशेदपुर न्यूज़, फैसला, हमीरपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने संस्कृत में सुनाया कोर्ट का निर्णय