जमशेदपुर : टाटा मोटर्स में बाई सिक्स कर्मियों को स्थाई करने का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। प्रबंधन बाई सिक्स कर्मियों को स्थाई करने के बाद उन्हें ट्रांसफर करने के फैसले पर अड़ा है। जबकि, बाई सिक्स कर्मियों की मांग है कि उन्हें जमशेदपुर प्लांट में ही अस्थाई किया जाए। यही नहीं उन्हें पुराने ग्रेड पर स्थाई किया जाए। अब इस मांग को टेल्को वर्कर्स यूनियन का साथ मिलने से बाई सिक्स कर्मियों की आवाज बुलंद हो गई है। टेल्को वर्कर्स यूनियन के नेताओं का मानना है कि यूनियन द्वारा इस मामले को उठाने के बाद अब यह औद्योगिक विवाद में परिवर्तित हो गया है। अब डीएलसी इस मामले में हाई कोर्ट के फैसले को लागू कर सकते हैं। गौरतलब है कि पहले डीएलसी ने अपने पत्र में उल्लेख किया था कि झारखंड हाईकोर्ट ने कहा है कि मुंबई हाईकोर्ट का फैसला इस मामले में लागू नहीं हो सकता। जबकि बाई सिक्स कर्मियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने ऐसा नहीं कहा है। हाईकोर्ट का कहना था कि फैसला लागू करने का आदेश हाईकोर्ट सीधे नहीं दे सकता। क्योंकि टाटा मोटर्स स्टेट नहीं है। टेल्को वर्कर्स यूनियन के नेताओं का मानना है कि उनके इस मामले को उठाने के बाद अब यह औद्योगिक विवाद बन गया है और अब इस मामले में मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को कानूनी रूप से लागू कराया जा सकता है। टेल्को वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष आकाश दुबे और सदस्य हर्षवर्धन ने इस मामले में एक अन्य यूनियन टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन को आड़े हाथों लिया है। उनका कहना है कि टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन इस मामले में बाई सिक्स कर्मियों के खिलाफ साजिश रच रही है। उसे अपना फायदा छोड़कर मजदूरों के हित में लड़ाई लड़नी चाहिए।