भारतीय रेल में 100 वर्ष की विद्युत कर्षण यात्रा: दक्षिण पूर्व रेलवे ने भव्य सेमिनार का आयोजन किया
Kolkata : ( Electric Train) 3 फरवरी 2025 को दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) ने भारतीय रेल में विद्युत कर्षण के 100 वर्षों का जश्न मनाने के लिए कोलकाता स्थित अपने मुख्यालय में एक सेमिनार का आयोजन किया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित समारोह का हिस्सा था, जिसमें एसईआर के सभी मंडलों में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, तकनीकी सेमिनार, खेल प्रतियोगिताएं और अन्य गतिविधियां शामिल थीं।
तीन फरवरी को चली थी पहली Electric Train
सेमिनार में दक्षिण पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक, पीएचओडी, एचओडी और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस आयोजन में 3 फरवरी 1925 को मुंबई के सीएसएमटी और कुर्ला के बीच भारत की पहली विद्युत चालित ट्रेन (Electric Train) यात्रा से शुरू हुई। विद्युत कर्षण की परिवर्तनकारी यात्रा पर चर्चा की गई।
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Electric Train
सेमिनार में विशेष प्रस्तुति के जरिए विद्युत कर्षण के 100 साल की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया। यह बताया गया कि कैसे इसने रेल परिवहन को अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया है। महाप्रबंधक ने विद्युत कर्षण की सफलता में योगदान देने वाले इंजीनियरों, श्रमिकों और दूरदर्शी व्यक्तित्वों के योगदान की सराहना की और भारतीय रेल की स्थिरता और शून्य-कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता को दोहराया।
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चर्चाओं में विद्युत कर्षण के भविष्य पर भी ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें एआई और नवीकरणीय ऊर्जा को शामिल करके इसे और अधिक कुशल और विश्वसनीय बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का समापन भारतीय रेल की आधुनिक और स्थायी रेल नेटवर्क बनाने की प्रतिबद्धता के साथ हुआ। यह सेमिनार न केवल विद्युत कर्षण की विरासत को सम्मानित करने का एक माध्यम था, बल्कि नवाचार और उत्कृष्टता से प्रेरित भविष्य की दिशा में कदम बढ़ाने का संकल्प भी था।