न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर: साकची के एमजीएम अस्पताल में कई साल से पड़े मरीज ओल्ड एज होम भेजे जाएंगे। इस बात का फैसला डीसी विजया जाधव ने लिया है। डीसी विजया जाधव ने बुधवार की शाम एमजीएम अस्पताल का निरीक्षण किया। वह सबसे पहले इमरजेंसी वार्ड गईं। वार्ड में देखा कि कई मरीज जमीन पर लेटे हुए हैं।
उनके पास बेड नहीं है। डीसी विजया जाधव ने मरीजों के नाम पूछे। यहां कई जिलों के मरीज मौजूद थे। यहां तक की पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले से भी मरीज इलाज के लिए आते हैं। डीसी विजया जाधव ने कहा की इमरजेंसी के बाहर जो पार्किंग स्थल है, उसको भी वार्ड का वहां तक विस्तार किया जाए और लगभग 40 बेड वहां आ सकते हैं।
मरीजों को इसके बाद जमीन में लेट कर इलाज कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। डीसी विजया जाधव ने इसके बाद महिला वार्ड, मेडिसिन वार्ड, आर्थो वार्ड, बर्न वार्ड समेत सभी वार्ड का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि कई मरीज कई साल से वार्ड में पड़े हुए हैं। यहीं उनको खाना मिलता है। थोड़ी बहुत दवाएं मिलती हैं।
इस पर उन्होंने निर्देश दिया कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए और उनको ओल्ड एज होम में शिफ्ट किया जाए। ताकि, एमजीएम में मौजूद बेल्ट की किल्लत खत्म हो और इन पेड़ों पर मरीजों का इलाज हो सके। डीसी ने बताया कि इमरजेंसी में अटेंडेंट की भीड़ रहती है।
एक मरीज के साथ चार पांच अटेंडेंट रहते हैं। अब यहां अटेंडेंट का पास जारी होगा और एक मरीज के साथ एक ही अटेंडेंट रहेगा। महिला वार्ड में उन्होंने देखा कि कई पुरुष लेटे हुए हैं। इस पर उन्होंने अस्पताल अधीक्षक को निर्देश दिया कि महिला वार्ड में विशेष निगरानी रखी जाए। डीसी विजया जाधव ने बताया की लिफ्ट खराब थी। उसको ठीक कराया गया है।
उन्होंने यहां निर्माणाधीन इमारतों का भी जायजा लिया और ठेकेदार को निर्माण की गुणवत्ता सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि एमजीएम अस्पताल में 500 बेड का अस्पताल बन रहा है। उनकी कोशिश रहेगी कि यह अस्पताल जल्द बने। ताकि मरीजों को इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ हो सके। क्योंकि, एमजीएम अस्पताल पर मरीजों का लोड है। तीन चार जिलों के अलावा, दूसरे राज्य के भी मरीज यहां आते हैं।