रांची: विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने जहां मांडू के विधायक जयप्रकाश पटेल और बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम पर दो दिन के अंदर फैसला सुना दिया। तो वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पर चले दल बदल के केस में 2 साल से फैसला सुरक्षित है। इस केस में पहले तो कई महीने सुनवाई चली। बाद में फैसला सुरक्षित कर लिया गया। अगस्त साल 2022 में फैसला सुरक्षित किया गया था। अभी तक जनता को इस फैसले का इंतजार है। लेकिन विधानसभा अध्यक्ष फैसला कब सुनाएंगे। इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
जेवीएम का भाजपा में हुआ था विलय
बाबूलाल मरांडी पहले झारखंड विकास मोर्चा के सुप्रीमो थे। साल 2019 के चुनाव में उनके तीन विधायक जीते थे। इनमें एक खुद बाबूलाल मरांडी थे जो धनवार से जीते थे। दूसरे विधायक प्रदीप यादव पोड़ैयाहाट से और विधायक बंधु तिर्की मांडर से जीते थे। बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का भाजपा में विलय का ऐलान कर दिया। इसके बाद प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने उनके फैसले का विरोध किया। यह दोनों विधायक भाजपा में नहीं गए।
कांग्रेस में चले गए थे प्रदीप यादव व बंधु तिर्की
प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में चले गए। इसके बाद प्रदीप यादव, दीपिका पांडे सिंह समेत चार लोगों ने बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष से दल बदल की शिकायत की। इस मामले में कई महीने तक सुनवाई चलती रही और फैसला सुरक्षित कर लिया गया। सफाई में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा में उनकी पार्टी के विलय के पहले पार्टी की तरफ से प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को निष्कासित कर दिया गया था। इसलिए वह पार्टी के इकलौते विधायक थे और उन्होंने भाजपा ज्वाइन कर ली।
विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने से कुछ दिन पहले आ सकता है फैसला
अभी इस मामले में जो भी फैसला हो लेकिन फैसला अभी तक सुनाया नहीं गया है। फैसला सुरक्षित है। फैसला कब सुनाया जाएगा इसका किसी को पता नहीं है। वैसे राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि जब विधानसभा का कार्यकाल समाप्त होने को होगा उसी के एक-दो दिन पहले यह फैसला सुनाया जाएगा।