रांची के मोरहाबादी में वर्चस्व की जंग में मारा गया अपराधी कालू लामा
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : राजधानी के कुख्यात बदमाश कालू लामा और बरियातू के बदमाश लवकुश शर्मा के बीच प्रतिद्वंद्विता थी। दोनों ही मोरहाबादी में दुकानदारों से रंगदारी की वसूली करते थे। इसी को लेकर दोनों के बीच कुछ दिन पहले झगड़ा भी हुआ था। माना जा रहा है कि इसी विवाद में कालू लामा को मौत के घाट उतारा गया है। लवकुश शर्मा राजधानी का डॉन बनने का सपना देख रहा है। उसके इस सपने के पीछे कालू लामा राह का कांटा था। माना जा रहा है कि इसी के चलते उसने कालू लामा की हत्या की।
कुख्यात अपराधी लवकुश शर्मा राजधानी का इनामी बदमाश है। वह राजधानी में कई साल से आतंक का पर्याय बना हुआ है। लवकुश के दुस्साहस का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने कालू लामा को मौत के घाट उतारने के लिए रांची में जो स्थान चुना वह हाई सिक्योरिटी जोन मोरहाबादी है। इस हाई सिक्योरिटी जोन में पुलिस के सैकड़ों जवान 24 घंटे तैनात रहते हैं। घटनास्थल के करीब ही प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का बंगला है। तो थोड़ी दूर पर ही मुख्यमंत्री आवास भी है। यही नहीं इस एसएसपी का आवास भी मोरहाबादी में ही है। लवकुश शर्मा इतना शातिर है कि जल्द पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ता। पांच साल पहले पुलिस लवकुश शर्मा को गिरफ्तार करने पटना गई थी। लवकुश अपने अड्डे पर मौजूद था। उसके गुर्गों ने पुलिस पर गोली चलाई। इसमें पटना के एक सरपंच की हत्या हो गई थी। लेकिन लवकुश शर्मा फरार हो गया था। लवकुश शर्मा की अपराध की दुनिया में उसके कई रिश्तेदार साथी हैं। लवकुश की कामयाबी का यही राज है। लवकुश शर्मा का सगा भाई विपिन शर्मा और ममेरा भाई सोनू शर्मा आदि उसके खास माने जाते हैं। मोरहाबादी में लवकुश शर्मा के प्रतिद्वंद्वी कालू लामा की हत्या में सोनू शर्मा का नाम आ रहा है।
पुलिस कालू लामा के मोबाइल का कॉल डिटेल खंगाल रही है। कालू लामा को गोली मारने वाले शूटर सोनू शर्मा का मोबाइल लोकेशन अभी रांची में बता रहा है। हो सकता है कि वह रांची से निकल गया हो और मोबाइल रांची में छोड़ दिया हो। पुलिस हर एंगल पर माथापच्ची कर रही है। लव कुश और सोनू की गिरफ्तारी के लिए मुखबिरों का जाल फैला दिया गया है। पुलिस उसकी तलाश में छापामारी कर रही है। जबकि उसका भाई और गिरोह का सरदार लव कुश शर्मा बिहार के गया में है। उसका मोबाइल लोकेशन गया में बता रहा है। पुलिस लवकुश और सोनू की तलाश में एक के बाद एक छापामारी कर रही है कुछ दिनों पहले ही कालू लामा रांची के होटवार जेल में था। लवकुश व कालू दोनों को सेल में अलग अलग रखा गया था। सूत्र बताते हैं कि लव कुश शर्मा ने झारखंड के कुख्यात बदमाश सुजीत सिन्हा से हाथ मिला लिया है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि कालू हत्याकांड में कहीं सुजीत सिन्हा का तो हाथ नहीं है। लवकुश शर्मा राजधानी का बड़ा रंगदार माना जाता है। कुछ साल पहले उसने पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर समरेंद्र प्रसाद से एक करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी थी। रंगदारी नहीं देने पर मोरहाबादी में ही पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को गोली मार दी गई थी।
कालूराम हत्याकांड में घायलों से पूछताछ करेगी पुलिस
कालू लामा हत्याकांड में घायल हुए कालू लामा के भाई राजू लामा और शुभम विश्वकर्मा का रिम्स में इलाज चल रहा है। पुलिस अब इन दोनों घायलों का बयान लेगी।
कालू लामा बरियातू थाना क्षेत्र के एदलहातू का रहने वाला है। राजधानी में उसका अपराधिक नेटवर्क है। शुभम विश्वकर्मा कालू लामा का दाहिना हाथ माना जाता है। कालू लामा रांची के व्यवसायियों और जमीन कारोबारियों से रंगदारी वसूलने का काम करता था। कालू लामा पर बरियातू थाना में रंगदारी और हत्या के छह मामले दर्ज हैं। शुभम विश्वकर्मा के खिलाफ भी बरियातू थाने में मामले हैं।
लव कुश शर्मा का अपराधिक इतिहास
27 फरवरी 2015 को लवकुश शर्मा ने लालपुर थाना क्षेत्र के सर्कुलर रोड स्थित बाटा शोरूम के सामने एक जमीन कारोबारी अनुज कुमार स्वर्णकार की गोली मार कर हत्या कर दी थी।
23 नवंबर 2015 को एक करोड़ रुपये की रंगदारी नहीं देने पर लव कुश शर्मा ने पथ निर्माण विभाग के सहायक अभियंता समरेंद्र प्रसाद को मोरहाबादी में गोली मारी थी।
नवंबर 2015 में अरगोड़ा में लवकुश शर्मा पर रंगदारी मांगने की प्राथमिकी दर्ज हुई थी। साल 2014 में बरियातू के कुसुम विहार में एक जमीन पर वर्चस्व की लड़ाई को लेकर चली गोली में भी लव कुश आरोपी है।
गया में है लवकुश शर्मा का अड्डा
पुलिस सूत्र बताते हैं कि लवकुश शर्मा गिरोह का अड्डा बिहार के गया में है। राजधानी में लवकुश शर्मा और उसके गुर्गे अपराध करने के बाद गया भाग जाते हैं। वहां छुप जाते हैं। पुलिस ने कई बार गया में छापामारी की। लेकिन, गुर्गे पकड़ में नहीं आते। अनुज शर्मा हत्याकांड में लवकुश शर्मा का ममेरा भाई सोनू शर्मा भी गया में ही छिपा हुआ था। पुलिस के एक बड़े अधिकारी बताते हैं कि साल 2016 में पुलिस की टीम सोनू शर्मा को गिरफ्तार करने उसके अड्डे पर छापामारी करने गई। पुलिस नाकाम लौटी। बाद में पुलिस ने सोनू शर्मा को ग्रिप में लिया और जब वह मोबाइल खरीदने गया से कुछ दूर पहुंचा तो पुलिस ने उसे धर दबोचा। सोनू शर्मा भी इनामी बदमाश है।