डोज लेने के नौ माह पूरा होने पर ही मिलेगा कोरोना का बूस्टर डोज
मार्च में वैक्सीन लेने वाले ले सकेंगे बूस्टर डोज
दस जनवरी से सीधे कैंप में आने अधिकतर वालों को कोविड बूस्टर डोज मिलेगा
पहले चरण में फ्रंटलाइन वर्कर, हेल्थ वर्कर और 60 प्लस वालों को प्राथमिकता
जिले में तैयारी पूरी, पुरानी बीमारी से जूझ रहे बुजुर्गों को बूस्टर डोज में मिलेगी प्राथमिकता
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : झारखंड में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच लोगों को 10 जनवरी से कोरोना वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जाएगा। जिन लोगों ने कोरोना की दूसरी डोज ले ली है और नौ माह पूरा हो चुका है उसे ही बूस्टर डोज दिया जाएगा। जिले में बूस्टर डोज देने की तैयारी लगभग पुरी कर ली गई है। इस बार ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से अधिक वॉक इन के तहत अधिक से अधिक वैक्सीन देने की तैयारी है। वॉक इन में लोगों को वैक्सीनेशन कैंप में जाकर वहीं पर आधार कार्ड दिखाकर वैक्सीन ले सकेंगे। 10 जनवरी जो बूस्टर डोज देने की तैयारी है उसमें पहले चरण में फ्रंट लाइन वर्कर, हेल्थ केयर वर्कर और 60 प्लस के लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा। रांची के सिविल सर्जन डा विनोद कुमार ने बताया कि 60 प्लस में भी उन लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी जो किसी बीमारी या मधुमेह या बीपी से ग्रसित हो।
मार्च में वैक्सीन लेने वाले ले सकेंगे बूस्टर डोज :
रिम्स के वैक्सिनेशन इंचार्ज डा मिथलेश कुमार बताते हैं कि जिन लोगों का वैक्सीन लेने के बाद नौ माह पूरा हो गया है उन्हें ही दूसरी डोज दी जाएगी। ऐसे में पिछले वर्ष मार्च तक जिन लोगों ने दूसरी डोज ली होगी वे ही इस बूस्टर डोज के हकदार होंगे। उन्होंने बताया कि यदि तीसरी खुराक के लिए पंजीकरण करना चाहते हैं, तो दूसरी खुराक और जिस दिन आप पंजीकरण कर रहे हैं, के बीच का अंतर नौ महीने से अधिक होनी चाहिए, जो कि 39 सप्ताह है। इससे वैक्सीन लेने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। साथ ही नौ माह होने की वजह से भीड़ भी कम होगी।
इधर, झारखंड के सबसे बड़ सरकारी अस्पताल रिम्स के जूनियर डाक्टर एसाेसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पत्र लिखकर कहा है कि झारखंड में जिस तेजी के साथ कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, यह चिंंता की बात है। यहां 01 जनवरी 04 जनवरी तक कोरोना के 6226 नए मामले सामने आ चुके हैं। यह रफ्तार बेहद खतरनाक और चिंंताजनक है।
जूनियर डाक्टर एसाेसिएशन के अध्यक्ष डा विकास ने स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को लिखे पत्र में यह भी कहा है कि झारखंड में सरकारी कर्मचारी, पुलिस अधिकारी, न्यायालय कर्मचारी भी बड़ी संख्या में संक्रमित होने लगे हैं। कई सांसद और विधायक भी इसकी चपेट में आ गए हैं। इतना ही नहीं रांची रिम्स सहित अधिकतर सरकारी अस्पतालों के डाक्टर, नर्स और मेडिकल कर्मचारी इसकी चपेट में आ गए हैं। करीब 100 से ज्यादा रिम्स के डाक्टर और कर्मचारी इस समय चपेट में हैं। जूनियर डाक्टर एसाेसिएशन का कहना है कि झारखंड के मौजूदा हालात को देखते हुए कोरोना की यह लड़ाई और कठिन नजर आ रही है। इसलिए फ्रंटलाइन वर्कर्स को बूस्टर डोज तुरंत उपलब्ध कराने की पहल होनी चाहिए। साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंंग मशीन भी शीघ्र लगाने की जरूरत है।