कागज पर रैन, फुटपाथ पर बसेरा
राजधानी के 11 रन बसेरे हो चुके हैं बंद कोई जर्जर तो किसी में लटक रहा ताला
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : राजधानी रांची में फिराया लाल चौक हो या सर्जना चौक। ठंड में ठिठुरते लोग पतला कंबल ओढ़े करवटें बदल रहे हैं। अजी नगर निगम की तरफ से यहां रेन बसेरे की अच्छी व्यवस्था नहीं है। जो भी रैन बसेरे हैं। वह कागज पर चल रहे हैं।
दैनिक जागरण की टीम ने राजधानी के रैन बसेरों की पड़ताल शुरू की तो नगर निगम की हकीकत खुलकर सामने आ गई। पहाड़ी मंदिर स्थित रैन बसेरे में ताला लटका हुआ मिला। यहां मौजूद एक रिक्शेवाले ने बताया कि यह रैन बसेरा हमेशा बंद रहता है। कभी यह रैन बसेरा खुलता था। लेकिन इधर रेन बसेरा में कोई इंतजाम नहीं है। रैन बसेरे के आसपास गंदगी फैली हुई है।
जयपाल सिंह स्टेडियम के पास स्थित रैन बसेरे की हालत बिल्कुल जर्जर है। छत का प्लास्टर उखड़ चुका है। दीवारों में दरारें हैं। लोग बोलते हैं कि यह रैन बसेरा कब गिर जाए कोई ठीक नहीं है। गिरिडीह से आए विजय राम इस खतरनाक रैन बसेरे में ठहरे हुए हैं। यहां वह अपने परिवार के साथ रह रहे हैं। वह बेटे के इलाज के लिए आए हैं। उन्हें कहीं जगह नहीं मिली तो इसी रैन बसेरा में ठहरे हुए हैं।
नगर निगम में कभी 11 रैन बसेरे हुआ करते थे। लेकिन, इनमें से कुछ रैन बसेरे टूट गए। तो किसी रैन बसेरे में दुकान खुल गई। अब हालात यह हैं कि रांची में कोई रेन बसेरा नहीं चल रहा है। यहां रैन बसेरे कागज पर ही चल रहे हैं। नगर निगम के अधिकारी भी कुछ नहीं कर रहे हैं। वहीं, गरीब और जरूरतमंद ठंड में ठिठुरते हुए फुटपाथ पर सोते हैं। लेकिन, किसी भी अधिकारी ने अब तक रैन बसेरे की सुध नहीं ली है। किसी को इस बात की फिक्र नहीं है कि फुटपाथ पर सोने वाले इन गरीबों को किसी रैन बसेरा बनाकर वहां ले जाया जाए।
कभी रांची में 11 रन बसेरे हुआ करते थे। इनमें डोरंडा में एजी मोड़ स्थित रैन बसेरा, पहाड़ी मंदिर स्थित रैन बसेरा, करम टोली स्थित रैन बसेरा, जयपाल स्टेडियम के पास स्थित रैन बसेरा, डोरंडा का पुराना रेन बसेरा आदि। लेकिन इनमें से करम टोली पर मौजूद तीन रैन बसेरे तोड़ दिए गए। रैन बसेरे को तोड़कर यहां पार्क बनाया गया है। जयपाल सिंह स्टेडियम के पास स्थित रैन बसेरे में रहने लायक स्थिति नहीं है। रैन बसेरों में नगर निगम की तरफ से लोगों के लेटने के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया।