जमशेदपुर : यमन की सेना अंसारुल्लाह ने इसराइल के जहाज सेंट्रल पार्क को लेकर तैयार की गई अमेरिकी चाल की पोल खोल दी है। अंसारुल्लाह के अधिकारियों ने कहा है कि अमेरिका ने मनोवैज्ञानिक युद्ध में अपनी साख बचाने के लिए सेंट्रल पार्क की कहानी तैयार की है। इसके बाद सेना का मुख्यालय पेंटागन बैकफुट पर आ गया। यमन की सेना ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह जब भी चाहेंगे किसी भी जहाज को निशाना बनाएंगे। उनकी कोई बैलिस्टिक मिसाइल मिस नहीं हुई है। यमन की सेना के अधिकारियों ने कहा है कि वह अपने लक्ष्य पर वैसे ही निशाना साध सकते हैं, जैसे आरामको ऑयल फील्ड पर बैलिस्टिक मिसाइल्स दागी थीं, जो अमेरिकी डिफेंस सिस्टम की निगरानी में था। यमन के इस बयान के बाद अमेरिकी सैन्य मुख्यालय पेंटागन बैक फुट पर आ गया। पेंटागन के एक अधिकारी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने जहाज को बचाने के लिए जिन लड़ाकों को पकड़ा था, वह यमन के अंसारुल्लाह के सैनिक नहीं हैं।बल्कि, सोमालिया के समुद्री लुटेरे हैं। जानकारों का कहना है कि अमेरिका इसलिए बैक फुट पर आया है, क्योंकि अगर उसकी कहानी सच्ची है तो उसे इसके सबूत पेश करने होंगे। उसे उस संघर्ष का वीडियो दिखाना होगा, जो कथित तौर पर सेंट्रल पार्क को बचाने के दौरान हुआ है। साथ ही अंसारुल्लाह सेना के जो सैनिकों को पकड़ा है, उनका भी वीडियो जारी करना होगा। जानकारों का कहना है कि जिन अमेरिकी सैनिक अधिकारियों ने यह कहानी गढी थी वह यह भूल गए थे कि यमनी सैनिकों का वीडियो जारी करना पड़ सकता है। इसीलिए अमेरिकी सेना ने अपनी फजीहत से बचने के लिए खबर का खंडन करते हुए बयान जारी किया कि उन्होंने यमन के सैनिकों को नहीं बल्कि, सोमालिया के लुटेरों को पकड़ा है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि हौसी सेना अंसारुल्लाह ने जिस तरह इसराइल के जहाज को पकड़ा है, उससे इसराइल के साथ ही साथ अमेरिका की भी फजीहत हुई है। इसी से बचने के लिए सेंट्रल पार्क की कहानी तैयार की गई। ताकि दुनिया के सामने ये जाहिर किया जा सके कि अमेरिकी नौसेना यमन की सेना को नाकाम बना सकती है। बताया जा रहा है कि यमन की सेना ने इसराइल के जहाज को जहां से पकड़ा है वहां से 19 किलोमीटर दूर जिबूती में अमेरिका का नौ सैनिक अड्डा है। इसके अलावा यूरोप के कई देशों की नौसेना वहां है। यही नहीं यमन के दक्षिणी हिस्से अदन में भी अमेरिकी समर्थित सेना मौजूद है।