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नोएडा : 3700 किलो विस्फोटक लगाकर आज गिराए जाएंगे नोएडा के बहु मंजिले ट्विन टावर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गिराए जा रहे हैं टावर
न्यूज़ बी रिपोर्टर, नोएडा:
नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर आज रविवार को गिराए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। क्षेत्र की बैरिकेडिंग कर दी गई है और उधर किसी को जाने नहीं दिया जा रहा। आसपास के आवासीय इलाके को खाली करा लिया गया है। दोनों टावरों को हटाने के लिए 9800 छेद में 3700 किलो विस्फोटक भरा गया है। विशेषज्ञ बताते हैं कि विस्फोट के 9 सेकेंड के अंदर दोनों टावर जमींदोज कर दिए जाएंगे। 15 मिनट तक धूल व गुबार आसपास रहेगा। दोनों टावरों को गिराने के लिए 30 मिनट तक नोएडा- ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे को भी बंद कर दिया गया है।
एडफिस कंपनी के ब्लास्टर दबायेंगे बटन
एडफिस कंपनी के इंडियन ब्लास्टर चेतन दत्ता इन दोनों सुपरटेक टावरों को ध्वस्त करने के लिए विस्फोटक का बटन दबाएंगे। उनके साथ जेट डिमोलिशन कंपनी के जो ब्रिंकमैन व चार और लोग भी 100 मीटर के दायरे में होंगे। चेतन दत्ता ने बताया कि पहले बॉक्स को चार्ज किया जाएगा। उसके बाद बटन दबाया जाएगा। इसके बाद 9640 लगाई गई डी लेयर्स में करंट पहुंचेगा और विस्फोट होगा।
साफ मौसम की वजह से रविवार को चुना
टावर को ध्वस्त करने के लिए रविवार का दिन इसलिए चुना गया है कि उस दिन मौसम साफ रहेगा। बारिश के आसार नहीं हैं। रविवार को हवा का रुख नोएडा में उत्तर पश्चिम की तरफ से आएगा। हवा की रफ्तार 25 किलोमीटर के आसपास ही रहेगी। ताकि धूल के कण इधर उधर ना फैलें। ऐसे में हवा धूल कणों को पूरब की तरफ धकेलेगी और धूल कण दिल्ली के बजाय उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों की ओर जाएंगे।
वाटरफॉल इंप्लोजन तकनीक से गिरेंगे टावर
बताया जा रहा है कि टावरों को गिराने का काम वाटरफॉल इंप्लॉजन तकनीक के जरिए किया जाएगा। यह तकनीक टावरों को ताश के पत्तों की तरह बिखेर देगी। वाटरफॉल तकनीक का मतलब है कि मलबा पानी की तरह नीचे गिरेगा। यह तकनीक शहर में इमारतों को ध्वस्त करने के काम आती है। इसमें नियंत्रित विस्फोट की कराया जाता है। वाटरफॉल तकनीक का इस्तेमाल न हो तो विस्फोट में मलबा दूर-दूर तक फैल कर अन्य इलाकों में नुकसान पहुंचा देता है।
सड़क ऊंची करने के काम आएगा मलबा
मलबा सड़क ऊंची करने के काम आएगा। साइट पर सरिया और अन्य धातु अलग कर बचे मलबे को सड़क के ऊपर डाल कर उसका स्तर ऊंचा किया जाएगा। बिल्डिंग के आसपास और बेसमेंट के ऊपर मिट्टी की 3 मीटर मोटी परत बिछाकर पौधरोपण किया जाएगा। मलबे से 4000 टन सरिया निकलेगा। एडिफिस इंजीनियरिंग सरिया को अपने पास रखेगा। बाकी निकलने वाले का मलबे को निस्तारित किया जाएगा। विस्फोट के बाद दोनों को मलबे से भर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने 30 अगस्त साल 2021 को टावरों को अवैध घोषित करते हुए 3 महीने में गिराने का आदेश दिया था।

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