प्रेमी, प्रेमिका समेत शूटर व कट्टा उपलब्ध कराने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर आदित्यपुर पुलिस ने भेजा जेल
न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : यह कत्ल की लव स्टोरी है। इसमें बेटी अर्पणा सिंह ने अपने प्यार में बाधक बन रहे पिता कन्हैया सिंह की हत्या करा दी। घटना वाले दिन बेटी अपना दिल पत्थर कर 29 जून की रात अपने बाप का पल-पल का लोकेशन कातिलों को देती रही। कब कन्हैया सिंह अपने ऑफिस से निकले। कब कन्हैया सिंह अपने आदित्यपुर के हरी ओम नगर स्थित अपार्टमेंट के बाहर पहुंचे। कब स्कॉर्पियो से निकले और अपार्टमेंट की सीढ़ियां चढ़ने लगे। कन्हैया सिंह के बारे में पल-पल की जानकारी उन्हीं के अपार्टमेंट के छत पर छुप कर बैठे तीन हत्यारोपियों आदित्यपुर के मांझी टोला के शूटर निखिल गुप्ता, छोटू दिघी और रवि सरदार को मिलती रही। हत्यारों ने अपार्टमेंट की सीढ़ियां चढ रहे कन्हैया सिंह पर गोली चलाई। गोली निखिल गुप्ता ने चलाई। गोली कन्हैया सिंह के माथे पर लगी थी। उन्हें टीएमएच ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था। पुलिस ने हत्या की इस घटना के मुख्य मास्टरमाइंड राजवीर सिंह, कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा सिंह, शूटर निखिल गुप्ता और निखिल को 8000 रुपए में कट्टा उपलब्ध कराने वाले सौरभ किस्कू को गिरफ्तार किया है। कत्ल की इस घटना में प्रयुक्त तमंचा भी जब्त किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को प्रेस के सामने तीनों आरोपियों को पेश करने के बाद जेल भेज दिया है।
सरायकेला के एसपी आनंद प्रकाश ने घटना के बारे में पूरी जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना प्रेम प्रसंग में अंजाम दी गई है। घटना को 6 लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था।
5 साल पहले शुरू हुई थी लव स्टोरी
उन्होंने बताया कि कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा सिंह और हरिओम नगर के पीछे ही मांझी टोला के रहने वाले राजवीर सिंह के बीच 5 साल पहले प्रेम परवान चढ़ा था। तब एनआईटी के ही एक ही स्कूल में अर्पणा सिंह कक्षा आठ की छात्रा थी और राजवीर सिंह हाई स्कूल में पढ़ता था। इनके बीच मोबाइल पर बात होती थी। यह लोग चैटिंग भी करते थे। इसकी भनक कन्हैया सिंह को लग गई। उन्होंने अपनी बेटी को चेतावनी दी कि वह राजवीर सिंह के साथ बिल्कुल ना मिले। राजवीर सिंह को भी धमकी दी। एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि कन्हैया सिंह ने राजवीर सिंह को धमकी देने के साथ ही मारपीट भी की थी और लाइसेंसी पिस्टल सटा दिया था। उसके माता और पिता को भद्दी गाली भी दी थी और डराया धमकाया भी था। इसी के बाद राजवीर सिंह का परिवार मांझी टोला के अपने निजी मकान को छोड़कर जमशेदपुर में मानगो के डिमना रोड पर किराए पर रहने लगा था। तभी से राजवीर सिंह अपने मन में खुन्नस पाल चुका था कि कन्हैया सिंह की हत्या करना है।
प्रेमी 2 साल से बना रहा था हत्या का प्लान
पूछताछ में पुलिस को अर्पणा सिंह ने बताया कि राजवीर सिंह 2 साल से घटना को अंजाम देने की फिराक में था। वह अर्पणा से बार-बार कहता था कि वह उसके पिता की हत्या कर देगा। इसके लिए अर्पणा सिंह भी तैयार थी। अर्पणा सिंह भी अपने पिता से खुश नहीं थी। बताते हैं कि कुछ दिन पहले ही राजवीर सिंह ने निखिल से बात की और कहा कि अब वह बर्दाश्त नहीं कर सकता। कन्हैया सिंह की हत्या करनी होगी। इसके बाद निखिल गुप्ता भी तैयार हो गया। राजवीर सिंह के एक दोस्त सौरभ किस्कू ने पटना में आशीष के पास से तमंचा उपलब्ध कराया। सौरभ किस्कू सरायकेला के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता का बेटा है।
पटना में भी रची गई हत्या की साजिश
बताते हैं कि 20 जून को कन्हैया सिंह पटना में थे। वहां भी इन तीनों ने उनकी हत्या की साजिश रची थी। अर्पणा सिंह ने अपने पिता का लाइव लोकेशन राजवीर सिंह को दिया था। वह कंकड़बाग में थे। लेकिन वहां इनकी हिम्मत घटना को अंजाम देने की नहीं हुई और यह लोग वहां से वापस लौट आए थे।
अपार्टमेंट में ही हत्या की बनी योजना
इसके बाद कन्हैया सिंह के अपार्टमेंट में ही उनकी हत्या की योजना बनाई गई। निखिल गुप्ता को हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए एक तमंचा और एक गोली ही दी गई थी। इसके बाद निखिल गुप्ता ने अपने दो दोस्तों छोटू दिघी और रवि सरदार को साथ लिया। इन दोनों के पास चाकू था। निखिल गुप्ता ने इन दोनों को बताया कि अगर उसकी गोली मिस हो जाती है तो चाकू का वार कर कन्हैया सिंह का काम तमाम करना है। लेकिन निखिल गुप्ता ने जो गोली चलाई वह चल गई और कन्हैया सिंह के माथे पर लगी थी।
घटना को अंजाम देने के बाद राजवीर से मिलने पहुंचे थे हत्यारोपी
घटना को अंजाम देने के बाद तीनों हत्यारोपी निखिल गुप्ता, छोटू दिघी और रवि सरदार सीधे मांगों के डिमना रोड स्थित राजवीर सिंह के घर गए। राजवीर सिंह से उन्होंने पैसे की मांग की। कुछ पैसा उन्हें पहले दे दिया गया था। राजवीर सिंह ने उन्हें बाद में पैसा देने की बात कही और उनके कपड़े बदलवा दिए। इसके बाद यह लोग वहां से भागकर मांझी टोला गए। वहां शराब पी।
घटना को अंजाम देख बक्सर भाग गया था शूटर
शूटर निखिल गुप्ता मूल रूप से बक्सर का रहने वाला है। वह बक्सर भाग गया था। लेकिन बाद में जब उसे यह लगा कि पुलिस उस पर शक नहीं कर रही है तो वह रांची होता हुआ बस के जरिए आदित्यपुर पहुंचा। पुलिस अपना जाल बिछाए हुए थी और उसने निखिल गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया।
निखिल की गिरफ्तारी के बाद खुला हत्या का राज
निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद पुलिस हत्या की इस घटना का खुलासा करने में कामयाब हो गई। एसपी ने बताया कि घटना वाले दिन वह फौरन ही घटनास्थल पर गए थे। कन्हैया सिंह के बॉडीगार्ड से बात की थी। उनसे पूछताछ की थी और थाने पर भी कई लोगों से पूछताछ की थी। एसपी ने कहा कि इस मामले में वह हत्यारों को स्पीडी ट्रायल करा के सजा दिलाएंगे।
दो फरार आरोपियों की तलाश में छापामारी
उन्होंने बताया कि घटना के आरोपी छोटू और रवि सरदार अभी भी फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। एसपी ने बताया कि हत्या की घटना को अंजाम देने के लिए राजवीर ने निखिल गुप्ता को पेशगी के तौर पर 4000 रुपए नकद और अंगूठी दी थी। बाकी पैसा बाद में देने का वादा किया था।
हत्या की घटना की कहानी बताते एसपी आनंद प्रकाश