न्यूज़ बी रिपोर्टर, यूपी : दिल्ली की अदालत ने बुधवार को कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्र कैद की सजा सुनाई है। यासीन मलिक जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख रहे हैं। उन पर साल 2017 में आतंकवादियों को फंडिंग करने का आरोप है। यासीन मलिक को एनआईए की अदालत ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। एनआईए के विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह की अदालत में यह मामला चल रहा था। यासीन मलिक को दो धाराओं में उम्र कैद और चार में 10 साल की सजा सुनाई गई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है
56 वर्षीय यासीन मलिक को सजा सुनाते हुए जज ने यासीन मलिक की इस दलील को खारिज कर दिया कि वह महात्मा गांधी के अहिंसा वादी सिद्धांत का पालन करते हैं। उनकी इस दलील को भी खारिज कर दिया गया कि यासीन मलिक ने 1994 में बंदूक छोड़ दी थी और एक राजनीतिक व्यक्ति के रूप में उन्हें मान्यता दी गई थी। न्यायाधीश ने कहा कि भले ही उन्होंने बंदूक छोड़ दी थी लेकिन साल 1994 से पहले उन्होंने जो भी घटनाएं अंजाम दी थीं। उसके लिए कभी खेद व्यक्त नहीं किया। जज ने कहा कि यासीन मलिक के अपराध बहुत गंभीर प्रकृति के थे।