न्यूज़ बी संवाददाता, रांची : इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की प्रदेश कमेटी के महासचिव साजिद आलम को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। बरियातू के जोड़ा तालाब स्थित प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी गई है। प्रेस को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग राष्ट्रीय कमेटी के राष्ट्रीय संगठन सचिव सांसद ईटी मोहम्मद बशीर ने कहा कि पार्टी का संविधान सर्वोपरि है। इसके विरुद्ध कार्य करने वाला कभी भी पार्टी का हितैषी नहीं हो सकता है। राज्य में उन लोगों को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता एवं पद से निष्कासित कर दिया गया है। जो पार्टी के विरुद्ध काम कर रहे थे। जिन से पार्टी की छवि खराब हो रही थी। अब पार्टी की कमान मुस्लिम लीग झारखंड इकाई के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन और उनकी टीम को सौंपी गई है। हमें उम्मीद है की झारखंड राज्य में पार्टी की स्थिति पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगी और झारखंड राज्य में होने वाले आगामी पंचायत चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करेगी। वहीं राष्ट्रीय सचिव सह झारखंड प्रभारी खुर्रम अनीस ने कहा की सबसे पहला काम है संगठन को मजबूत करना और इसके लिए जरूरी है कि एक सही रणनीति के साथ लक्ष्य निर्धारित करते हुए मिलकर काम करना। राष्ट्रीय सह सचिव मुहम्मद कोया ने झारखंड लीग की वर्तमान कमेटी पर भरोसा जताते हुए कहा कि भविष्य में इस कमेटी से अच्छे परिणाम की उम्मीद है। प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन ने कहा कि राष्ट्रीय कमेटी ने जो मुझे जिम्मेदारी सौंपी है और जो उम्मीद मुझ पर रखी गई है मैं इस पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। पूरे राज्य में पार्टी को मजबूती प्रदान करने के कार्य तेजी से जारी हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश कार्यकारी महासचिव शानुल हक, प्रदेश उपाध्यक्ष अंजनी कुमार सिन्हा,प्रदेश उपाध्यक्ष सह प्रदेश प्रवक्ता मोहम्मद शहाबुद्दीन, प्रदेश कोषाध्यक्ष मोहम्मद नसीरूद्दीन उमरी, प्रदेश सचिव आबिद अख्तर ने अपनी बातें रखें।
प्रेस के सामने इस बात को मजबूती से रखा गया कि लीग के प्रदेश महासचिव साजिद आलम द्वारा लगातार पार्टी में रह कर पार्टी के विरुद्ध कार्यों में संलिप्त रहते हुए पूरे झारखंड में पार्टी की छवि को बदनाम करने का काम किया जा रहा है और पार्टी फंड में भी उन्होंने भारी गबन किया है।जब इस बात की भनक प्रदेश कमेटी को लगी तब इस बाबत उनसे पूछताछ कि गई और हिसाब मांगा गया। लेकिन उन्होंने इस बात को अनसुना कर दिया।और हिसाब देने से इनकार कर दिया।
जब इसकी खबर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग राष्ट्रीय कमेटी को मिली तो राष्ट्रीय कमेटी के आदेश पर पार्टी ने दो लोगों को मुस्लिम यूथ के राष्ट्रीय अध्यक्ष आसिफ अंसारी और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग राष्ट्रीय कमिटी के सह सचिव मुहम्मद कोया को पर्यवेक्षक प्रभारी बनाकर मामले की छानबीन के लिए रांची भेजा।
उन्होंने प्रदेश कमेटी के सामने साजिद आलम से सारी बातों की पूछताछ की। लेकिन पर्यवेक्षक प्रभारी को साजिद आलम का जवाब संतोष जनक नही मिला।
पर्यवेक्षक प्रभारी द्वारा दिल्ली लौटकर केंद्रीय कमेटी को रिपोर्ट पेश करने से
पहले ही अगले ही दिन साजिद आलम ने एक तथाकथित प्रदेश कमेटी की बैठक प्रेस क्लब में आयोजित की। इसके लिए इनको कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। फिर भी साजिद आलम और उसके सहयोगियों ने पार्टी की समानांतर राज्य समिति की घोषणा की और बिना अनुमोदन के इसका व्यापक प्रचार किया।
रांची प्रेस क्लब में फर्जी तरीके से समानांतर कमेटी की घोषणा करते हुए यह अफवाह फैला दी कि पार्टी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन और प्रदेश सचिव शानुल हक को पार्टी से निलम्बित कर दिया गया है।
जबकि इस तरह का निर्णय इनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है।वहीं इस तरह कि पार्टी विरोधी काम करते हुए इन्होंने झारखंड की जनता को गुमराह कर पार्टी की छवि को धूमिल करने का काम किया है।
झारखंड प्रदेश अध्यक्ष अशरफ हुसैन द्वारा जब इस तमाम गतिविधि की जानकारी केंद्रीय कमेटी को दी गई तब इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग राष्ट्रीय कमिटी ने पत्र जारी करते यह निर्णय लिया की प्रदेश महासचिव साजिद आलम और इनके तथा सहयोगी को पार्टी विरोधी कार्यों में संलिप्त पाया गया है। इसके कारण इन्हें राष्ट्रीय कमेटी द्वारा प्रदेश महाचिव के पद से पदमुक्त करते हुए उनकी प्राथमिक सदस्यता भी रद्द की जाती है और इन्हें चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में साजिद आलम पार्टी की सभी गतिविधियों से अपने आप को दूर रखेंगे। व्यक्तिगत तौर पर कभी अगर पार्टी के नाम का उपयोग करते हैं तो पार्टी द्वारा उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस सह प्रदेश कार्यकारिणी समिति बैठक में मुख्य रूप से वूमेन लीग की प्रदेश अध्यक्ष शहजादी खातून, तनवीरूज्जमा, मोहम्मद अनीस फजल इमाम, रांची जिला अध्यक्ष शाहिद अंसारी, लोहरदगा जिला अध्यक्ष अमानुल हक, शबनम खातून, नगमा परवीन, नगमा फिरदौस, फरहाना खानम आदि मौजूद थे।