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नगर पंचायत अजुहा के भ्रष्टाचार की जांच में शिथिलता को लेकर जिलाधिकारी से सभासद, निष्पक्ष जांच कराने की मांग

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न्यूज़ बी रिपोर्टर, कौशांबी : नगर पंचायत अजुहा में पिछले कई महीनों से भ्रष्टाचार  एवं सरकारी धन के दुरुपयोग करने की शिकायत हलफनामा देकर जिलाधिकारी से की थी। जिलाधिकारी  ने अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टीम गठित कर जांच करवाने का आदेश दिया था। परन्तु तीन माह बीत जाने के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ना तो जांच टीम गठित की गई और ना ही कोई कार्रवाई की गई है।

इसकी शिकायत सभासदों  ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से भी की। लेकिन अभी तक उच्च अधिकारियों द्वारा कार्रवाई नहीं होने से सभासदों में रोष व्याप्त है।

सभासदों ने बताया कि अधिकारी और सत्ता पक्ष के कुछ सफेदपोश नेताओं और  जिम्मेदारों द्वारा जांच की कार्रवाई बाधित की जा रही है। जब की इधर जांच की कार्रवाई में ढिलाई का फायदा नगर पंचायत के बाबू और अधिशाषी अधिकारी उठा रहे हैं। सभासदों ने यह भी बताया कि जिम्मेदार बाबू द्वारा बैक डेट में सभी फाइल तैयार की जा रही है। इसमें सबसे बड़ा धन का दुरूपयोग जेम्पोर्टल द्वारा की गई उपकरणों की  खरीद में है। इनकी अभी भी जेई द्वारा माप पुस्तिका तक नही बनवाई गई। जांच की जानकारी होने पर जिम्मेदार अधिकारी जेई से बैक डेट में माप पुस्तिका बनाने का दबाव बना रहे हैं। यदि निष्पक्ष जांच हो जाए तो जिला पंचायत की तरह यहां भी की अधिकारी और बाबू फंस सकते हैं।

गौरतलब है कि सभासदों ने बताया कि पिछले मार्च से सभासदों द्वारा बोर्ड की बैठक में कोई प्रस्ताव नहीं लाया गया। फिर भी नगर पंचायत अजुहा में तैनात अधिशाषी अधिकारी द्वारा अभी हाल ही में 15 वें वित्त आयोग से स्वीकृत धन से एक ही वार्ड के निर्माण कार्यों का मनमाने ढंग से प्रस्ताव बना कर अधिकारियों को गुमराह कर अखबार में टेंडर प्रकाशित कर दिया। सभासदों ने बताया कि 15 वें वित्त में शासन द्वारा  लगभग 98 लाख रुपये विकास कार्य के लिए स्वीकृत किया गया था। इसमें 49 लाख रुपये के निर्माण कार्य का टेंडर निकाला गया। शेष 49 लाख रुपये में फिर से उपकरणों की खरीद की योजना अधिशाषी अधिकारी और चेयरमैन बना रहे हैं।

इस पर ईओ से पूछने पर बताया गया कि पानी टैंकर और लाइटों की आवश्यकता है। जबकि सभासदों का कहना है कि पुराने टैंकरों की नीलामी करा कर एक नया टैंकर लिया जाए। इस धन की बंदरबाट ना की जाए। इसको लेकर सभासदों ने जिलाधिकारी कौशाम्बी से शिकायत की

क्षेत्रीय विधायक द्वारा मुख्यमंत्री को दिए गए पत्र पर मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद टीएसी दफ्तर में दबी रखी है जांच के आदेश की फाइल।

बता दें कि सभासदों द्वारा क्षेत्रीय विधायक को शिकायती पत्र दिया गया था। इसके तहत क्षेत्रीय विधायक शीतला प्रसाद पटेल ने मुख्यमंत्री से शिकायत पत्रों के आधार पर नगर पंचायत अजुहा में व्याप्त भ्रष्टाचार की गहनता से जांच करवाने की मांग की थी। इसमें स्पष्ट रूप से था कि जब तक टीएसी द्वारा टीम गठित कर जांच नही हो जाती। तब तक नगर पंचायत अजुहा के सभी मदों की वित्तीय कार्यवाही पूर्ण रूप से स्थगित रहेगी। यही नहीं किसी भी प्रकार के कार्य नही होंगे। इसके बावजूद अधिशाषी अधिकारी व चेयरमैन द्वारा वर्क अर्डर से काम करवा कर फर्जी तरीके से धन निकासी की जा रही है ।

–आखिर किसके इसारे पर रोकी जा रही है जांच

दो तिहाई सभासदों में 3 सत्ता पक्ष द्वारा नामित सदस्य भी हैं। इसके बावजूद भी जांच की कार्रवाई एवं जिम्मेदारों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसको लेकर सभासदों ने सत्तासीन कुछ जिम्मेदारों पर भी प्रश्न चिन्ह उठाया है।  सभासदों ने बताया कि अभी तक उन लोगों द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सूचनाएं मांगी गई थीं। उनका भी कोई जवाब नही मिला। रिमाइंडर और विधिक नोटिस भेजने के बावजूद जिम्मदार अधिकारी ने जवाब नहीं दिया।

अब सभासद शपथ पत्र की प्रतियां एव मांगी गई सूचनाओं की प्रतियों के साथ न्यायालय जाएंगे।

सभासदों में मुख्य रूप से ज्ञानचंद्र पाल, पीयूष सिंह, सुघर सिंह, फूलचंद्र केसरवानी, नीलम वैश्य, गोविंदी देवी, सौरभ केसरवानी, विजय कुमार पटेल,चन्द्रपाल सिंह‌ आदि थे।

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