न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : रांची में डोर टू डोर कचरा उठाव करने वाली एजेंसी मेसर्स सेंटर फॉर डेवलपमेंट कम्युनिकेशन ट्रस्ट (सीडीसी) ने अब तक सभी घरों के मालिकों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन चिप नहीं दी है। उसका ये काम धीमा हो गया है। अब तक आरएफआईडी का डैशबोर्ड चालू नहीं हो पाया है। इससे यह नहीं पता चल पा रहा है की एजेंसी राजधानी के कितने घरों से कचरा उठाव कर रही है। कचरा उठाव हो भी रहा है या नहीं। नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने सीडीसी एजेंसी के प्रतिनिधि को राजधानी के सभी घरों में 31 जुलाई तक रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन देकर डैशबोर्ड चालू करने और एक हफ्ते के अंदर जीपीएस सिस्टम चालू कर कचरा उठाव की निगरानी शुरू करने का निर्देश दिया था। इसके बाद कंपनी ने घरों के दरवाजे पर चिप लगाने का काम तेज कर दिया था। लेकिन फिर इधर भी जिसमें सुस्ती आ गई है।
यही नहीं नगर आयुक्त ने सीडीसी वाहनों के द्वारा लगाई जा रही प्रतिदिन की ट्रिप की संख्या को भी बढ़ाने के भी निर्देश हैं। नगर आयुक्त ने कहा है कि प्रत्येक वाहन से रोज कम से कम पांच ट्रिप में कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाए। ताकि सभी घरों को कवर किया जा सके। गौरतलब है कि राजधानी में कचरा उठाव को लेकर काफी शिकायतें आ रही हैं। इसी को लेकर नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने कचरा उठाव से लेकर इसके निस्तारण की जिम्मेदारी उठाने वाली कंपनियों के प्रतिनिधियों को यह दिशानिर्देश जारी किए हैं। डोर टू डोर कचरा उठाव के बाद इसे डंपिंग जोन तक पहुंचाने और फिर वहां इसके निस्तारण करने की जिम्मेदारी उठाने वाली कंपनियां इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और गेल इंडिया लिमिटेड के प्रतिनिधि को भी काम में तेजी लाने को कहा गया है। सेकेंडरी कलेक्शन के लिए चयनित एजेंसी जोंटा इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड के प्रतिनिधि को भी काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है। यह एजेंसी राजधानी में स्मार्ट डस्टबिन लगा रही है। उप नगर आयुक्त रजनीश कुमार को निर्देश दिया गया है कि वह इंफ्राटेक के प्रोजेक्ट कार्य की निगरानी के लिए नगर निगम की तरफ से दो अमीन प्रतिनियुक्त करें। ताकि काम आगे बढ़ाया जा सके।