न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : गुजरात के सूरत में आयोजित स्मार्ट सिटी ,स्मार्ट अर्बनाइजेशन कॉन्क्लेव के दूसरे दिन मंगलवार को भी कई कार्यक्रम आयोजित हुए। इसमें देश भर से आए स्मार्ट सिटी के प्रतिनिधि शामिल हुए। इन कार्यक्रमों में से एक कार्यक्रम लैंड मोनेटाइजेशन पर पर भी आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में शहरों के निर्माण और उनके पुनरुद्धार में खर्च होने वाली राशि का स्रोत, उससे होने वाली आय और भविष्य में उस शहर के सस्टेनेबिलिटी के लिए जरूरी राशि के लिए डिजाइन मॉडल पर चर्चा हुई। इस विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में रांची स्मार्ट सिटी, इंदौर स्मार्ट सिटी और भोपाल स्मार्ट सिटी के सीईओ शामिल हुए। इस कार्यक्रम में रांची स्मार्ट सिटी की ओर से पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए यह बताया गया कि 656 एकड़ जमीन में विकसित हो रही रांची स्मार्ट सिटी के निर्माण में क्या खर्च आ रहा है और निर्माण के बाद शहर को सुंदर और सुव्यवस्थित रखने के लिए क्या मॉड्यूल तैयार किया गया है। रांची स्मार्ट सिटी कारपोरेशन के सीईओ अमित कुमार ने बताया कि किस तरीके से राज्य सरकार को यह जमीन भारत सरकार की पीएसयू हेवी इंजीनियरिंग कंपनी(HEC) से प्राप्त हुई थी और इसके बदले में राज्य सरकार ने 711 करोड़ रुपये की राशि रिवाइवल पैकेज के रूप में एचईसी को दी थी। उन्होंने बताया कि लैंड ऑक्शन के माध्यम से वह इस राशि के अलावा अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति करेंगे। उन्होंने शहर की सस्टेनेबिलिटी के लिए खर्च होने वाली राशि के लिए भी बने रेवेन्यू प्लान की जानकारी दी। कार्यक्रम में दर्शक, श्रोता और प्रश्न पूछने वालों में कई शहरों के प्रतिनिधि शामिल रहे। रांची स्मार्ट सिटी की ओर से महाप्रबंधक राकेश कुमार नंदकुलियार,जनसंपर्क अधिकारी अमित कुमार और मैनेजर टाउन प्लैनिंग कमलजीत शर्मा मौजूद थे।