राजधानी समेत जमशेदपुर व धनबाद में प्रीपेड मीटर को विश्व बैंक की हरी झंडी
बिजली के प्रीपेड मीटर का जोड़
3 लाख 55 हजार 135 उपभोक्ता हैं राजधानी में
3123 व्यवसायिक उपभोक्ता हैं राजधानी में
3 लाख 52 हजार 12 उपभोक्ता हैं घरेलू
जनवरी से राजधानी में लगेंगे साढ़े तीन लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर
2023 तक रांची में सभी घरों, प्रतिष्ठानों व दुकानों में लग जाएंगे प्रीपेड मीटर
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : विश्व बैंक ने राजधानी रांची समेत धनबाद और जमशेदपुर में बिजली के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने को हरी झंडी दे दी है। अब झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड प्रदेश के इन तीन शहरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करेगा। बताते हैं कि जल्द ही प्रीपेड मीटर के लिए टेंडर फाइनल कर दिया जाएगा। माना जा रहा है कि नए साल से राजधानी की जनता को प्रीपेड मीटर का तोहफा मिलेगा। इससे जनता को भी आसानी हो जाएगी। उसे रोज बिजली के बिल जमा करने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। लोग रिचार्ज कर बिजली का उपयोग कर सकेंगे।
राजधानी में जनवरी से घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगने का काम शुरू हो जाएगा। रांची में साढ़े तीन लाख प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। यहां के सभी प्रतिष्ठानों, दुकानों और घरों से बिजली के वर्तमान मीटर निकाल लिए जाएंगे। इनकी जगह प्रीपेड मीटर लगाने की योजना है। प्रीपेड मीटर लगाने के लिए बिजली विभाग के आइटी सेल ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच कंपनियों ने टेंडर डाले हैं। टेंडर के फाइनल होने के बाद राजधानी में जनवरी से प्रीपेड मीटर का लगना शुरू हो जाएगा। राजधानी में प्रीपेड मीटर लगाने की योजना पिछले साल बनाई गई थी। इसके बाद बिजली विभाग इसकी तैयारी में जुट गया था। इस साल अगस्त में इसका टेंडर निकाला गया। पांच कंपनियों ने टेंडर डाले हैं। एस्फ्रैमैंको, एल एंड टी, स्नाइजर, एचपीएल और जीनस कपंनियां टेंडर डाल कर शहर में प्रीपेड मीटर लगाने की दौड़ में शामिल हो गईं हैं। टेंडर का तकनीकी बिड हफ्ता भर पहले खुला था। वित्तीय बिड भी खुल गया था। इसके बाद विभाग ने फाइल विश्व बैंक की मंजूरी के लिए भेज दी थी। अब विश्वबैंक की हरी झंडी मिलने के बाद एजेंसी को काम आवंटित कर प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू करा दिया जाएगा।
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दो साल में पूरा कर लिया जाएगा मीटर लगाने का काम
अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मीटर लगाने का काम दो साल में पूरा कर लिया जाएगा। यानि, नवंबर 2023 तक शहर में सभी घरों, प्रतिष्ठानों और दुकानों में प्रीपेड मीटर होंगे। इससे उपभोक्ता को काफी आसानी हो जाएगी। वो जितने का रिचार्ज कराएगा उतने की बिजली जलेगी। ऐसे में उस पर कर्ज का बोझ नहीं चढ़ेगा। यही नहीं, बिजली विभाग को भी आसानी हो जाएगी। उसे बकाए की रकम वसूली के लिए मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। क्योंकि, तब विभाग का किसी पर बकाया ही नहीं होगा।
न्यूनतम 100 रुपये का करा सकेंगे रिचार्ज
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली के उपभोक्ता अपने प्रीपेड मीटर को कम से कम 100 रुपये से रिचार्ज कर सकेंगे। इसके बाद वो चाहे जितनी रकम से रिचार्ज करें। उपभोक्ता जितनी ज्यादा रकम से रिचार्ज करेंगे उतनी ही ज्यादा उन्हें सहूलियत होगी। रिचार्ज करने के लिए विभाग की अपनी वेबसाइट और ऐप होगा। विभाग रिचार्ज के लिए वेबसाइट और ऐप डिजाइन कराएगा। इसके लिए भी विभाग टेंडर करेगा। टेंडर के बाद कंपनी का चुनाव होगा जो बिजली के बिल का रिचार्ज करने के लिए ऐप व वेबसाइट डिजाइन करेगी।
रिचार्ज खत्म होने से पहले ही मोबाइल पर आएगा मैसेज : विभाग के अधिकारियों का कहना है कि प्रीपेड मीटर का एक मुख्य सर्वर होगा। इस सर्वर से उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को जोड़ा जाएगा। इसका फायदा उपभोक्ता को यह होगा कि जब उसके प्रीपेड मीटर में रिचार्ज कम हो जाएगा तो इसका मैसेज उसके पास जाने लगेगा। रिचार्ज की रकम 10 रुपये पहुंचते ही उसे अलर्ट मैसेज आने लगेंगे कि बिजली कटने की परेशानी से बचने के लिए वो अपने प्रीपेड मीटर को रिचार्ज कर ले।
ग्रामीण इलाकों में लगेंगे शहर से निकाले गए बिजली मीटर : शहर में प्रीपेड मीटर लगने के क्रम में पुराने मीटर निकाले जाएंगे। बिजली विभाग इन मीटरों को ग्रामीण इलाके में लगाएगा। इस तरह, ग्रामीण इलाके में सभी घरों में मीटर लगा दिए जाएंगे। अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में बिजली के मीटर लगाने का काम कई चरणों में किया जाएगा। विश्वबैंक की हरी झंडी मिलने के बाद क्षेत्रवार प्रीपेड मीटर लगाने का खाका तैयार होगा।
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जनवरी से राजधानी में प्रीपेड मीटर लगाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी तेजी से चल रही है। जिस एजेंसी को टेंडर मिलेगा वहीं प्रीपेड मीटर की खरीद करेगी।
संजय कुमार, महाप्रबंधक आइटी बिजली विभाग