महाराष्ट्र में चल रही है जोर आजमाइश, सियासी ऊंट अपने अपने पाले में बैठाने की कोशिश
न्यूज़ बी रिपोर्टर, मुंबई : महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट जारी है। भाजपा ने एक बयान जारी कर इस संकट से पूरी तरह किनारा कर लिया है। उसका कहना है कि पार्टी की एकनाथ शिंदे से कोई बातचीत नहीं हुई। जबकि दूसरी तरफ एकनाथ शिंदे ने अपने विधायकों के साथ ही शिवसेना के पाले में मौजूद विधायकों को भी भरोसा दिलाने के लिए बयान दिया है कि उनके पीछे एक महाशक्ति है। सभी विधायकों का ख्याल रखा जाएगा। उनके इस बयान ने भाजपा की पोल खोल कर रख दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह महाशक्ति भाजपा ही है, जिसकी तरफ एकनाथ शिंदे ने इशारा किया है। माना जा रहा है कि अभी एकनाथ शिंदे के पास विधायकों का वह संख्या बल नहीं है कि वह शिवसेना से अलग होने का ऐलान कर भाजपा को समर्थन दें और उसकी सरकार बना बनवा सकें। इसीलिए, उन्होंने यह बयान दिया है ताकि शिवसेना के पाले में मौजूद विधायकों को आश्वस्त किया जा सके कि अगर उन्होंने पाला बदला तो वह घाटे में नहीं रहेंगे। महाशक्ति हर विधायक का ख्याल रखेगी। एकनाथ शिंदे ने विधायकों के ख्याल रखने की बात कह कर कई निशाने साधने की कोशिश की है। वह विधायकों को यह इशारा भी देना चाहते हैं कि उनके साथ आने में विधायकों को हर तरह का फायदा मिलेगा।
एकनाथ ने डिप्टी स्पीकर को भेजा 35 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र
इस संकट के बीच शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने 35 विधायकों के हस्ताक्षर वाला पत्र डिप्टी स्पीकर को सौंपा है। इससे साफ है कि उनके पास अभी 35 विधायक ही हैं। इसमें भी 9 विधायक निर्दलीय हैं। कानून के विशेषज्ञों का मानना है कि एकनाथ शिंदे के पास जब तक शिवसेना के 37 विधायक नहीं हो जाते। वह पार्टी से अलग होने का ऐलान नहीं कर सकते। क्योंकि उस स्थिति में उन्हें अयोग्य घोषित किया जा सकता है। फिलहाल महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट जारी है। सियासी अलंबरदार एक दूसरे को पटखनी देने के लिए जोर आजमाइश में लगे हुए हैं। अब देखना यह है कि कामयाबी किसके हाथ लगती है।