रूस ने यूक्रेन में शुरू किया ऑपरेशन, शहरों में दागी गई मिसाइलें
यूक्रेन में लगाया गया मार्शल ला, राष्ट्रपति ने दिया जवाबी कार्रवाई का आदेश
न्यूज़ बी रिपोर्टर, यूपी : जैसा कि अंदेशा था रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की शुरुआत हो चुकी है। रूस ने यूक्रेन के सैनिक ठिकानों पर हमला शुरू कर दिया है। रूस की यह कार्रवाई राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन के डोनबास्क व लुगांस्क में स्पेशल ऑपरेशन का ऐलान करने के बाद शुरू हुई है। डोनबास के डोनास्क और लुगांस्क रिपब्लिक की आजादी की घोषणा के बाद यूक्रेन के सैनिकों ने इन इलाकों में कार्रवाई शुरू की थी। डोनबास इलाके में यूक्रेन की सेना और आजाद होने वाले रिपब्लिक के वफादार सैनिकों के बीच झड़प चल रही है। यूक्रेन की सेना की इस कार्रवाई के बाद ही रूसी राष्ट्रपति ने स्पेशल ऑपरेशन का ऐलान किया है।
इस हमले के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति ने यूक्रेन में मार्शल ला लगा दिया है। यूक्रेन की हवाई सीमा को बंद कर दिया गया है। इससे यूक्रेन जाने वाली अंतरराष्ट्रीय उड़ाने ठप हो गई हैं। यूक्रेन की तरफ से जवाबी कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
यह युद्ध रूस और यूक्रेन के बीच नहीं बल्कि रूस और अमेरिका व उनके मित्र राष्ट्रों के बीच है। यूक्रेन में रूस समर्थित डोनबास इलाके के डोनेस्क और लुगांस्क रिपब्लिक की आजादी की घोषणा के बाद यूक्रेन और नाटो की फौज वहां ऑपरेशन चला रही थी। इससे लाखों लोग शरणार्थी बन गए और रूस में जाकर शरण ली। लोगों ने रूस में जाकर वहां के अधिकारियों को नाटो की सेनाओं के अत्याचार की दास्तान रो-रोकर सुनाई। यही नहीं डोनस्क और लुगांस्क के हेड ने पुतिन को 22 फरवरी को पत्र लिखकर सहायता की मांग भी की थी। इसी के बाद पुतिन ने गुरुवार से स्पेशल ऑपरेशन के आदेश दिए हैं। स्पेशल ऑपरेशन की शुरुआत के बाद रूसी मिसाइलों ने यूक्रेन में सैनिक ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अपनी फौज को आदेश दिया है कि सिर्फ सैनिक ठिकानों को ही निशाना बनाया जाए। पुतिन का कहना है कि उनका उद्देश्य यूक्रेन पर कब्जा करना नहीं है। बल्कि डोनास्क और लुगांस्क को बचाना है। डोनास्क और लुगांस्क ने 2014 में ही आजादी की घोषणा की थी। इसके बाद से ही यूक्रेन की सेना और नाटो की सेना वहां आजादी की घोषणा करने वालों को दबाने में जुटी हुई थी। रूस इसका विरोध करता रहा है। इधर बीच कुछ दिनों से नाटो और अमेरिकियों ने इन इलाकों में अपनी सेना बढ़ाना शुरू कर दिया था। धमाके भी किए गए। इन अत्याचारों से तंग आकर इन इलाकों की जनता अपने घर बार छोड़कर रूस पहुंच रही थी। बड़ी संख्या में यूक्रेन के डोनबास इलाके से पलायन हो रहा था। इसी को लेकर पुतिन ने स्पेशल ऑपरेशन की शुरुआत की है। अगर युद्ध की आग भड़कती है तो इसमें अमेरिका और उसके मित्र देश भी शामिल होंगे। क्योंकि उनकी सेना पहले से यूक्रेन में मौजूद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और उसके यूरोपियन मित्र राष्ट्र रूस को साल भर से उकसा रहे थे कि वह यूक्रेन में कार्रवाई करे। ऐसा नहीं किया तो डोनबास इलाके में रहने वाले रूसियों पर सीधे अत्याचार शुरू कर दिए गए। इससे मजबूरन पुतिन को वह कदम उठाना पड़ा जिससे वह लगातार बच रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान में अमेरिका की पराजय के बाद एक नया मोर्चा खोलकर वह अपनी इज्जत बचाना चाहता है। लेकिन यूक्रेन का मोर्चा अमेरिका और उनके मित्र राष्ट्रों के लिए भारी पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि डोनबास इलाके से लगभग एक लाख लोग पलायन कर रूस पहुंचे हैं। यह आम जनता है जो यूक्रेन में अमेरिकी और नाटो सैनिकों के अत्याचार से तंग आ चुकी थी। रूस में इनके लिए कैंप बनाए गए हैं। सीमा पार करने के बाद इनके लिए बसें लगाई गई हैं ताकि इन्हें शरणार्थी स्थलों तक लाया जा सके।