जमशेदपुर: टाटा मोटर्स में अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने का समझौता 25 जनवरी को हुआ था। कहा गया था कि 3 महीने में 225 अस्थाई कर्मियों को स्थाई किया जाएगा। 3 महीने पूरे हो चुके हैं। लेकिन जिन 225 अस्थाई कर्मियों का मेडिकल हुआ है, उनको अभी तक स्थाई कर जॉइनिंग लेटर नहीं दिया गया है। ऐसा टेल्को वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों का आरोप है। टेल्को वर्कर्स यूनियन के उपाध्यक्ष आकाश दुबे और सदस्य हर्षवर्धन ने सवाल उठाया है कि आखिर 3 महीने बीत जाने के बाद अस्थाई कर्मियों को नियुक्ति पत्र क्यों नहीं दिया गया। टेल्को वर्कर्स यूनियन के सदस्य हर्षवर्धन का आरोप है की 25 जनवरी को किया गया समझौता तत्काल प्रभाव से लागू नहीं हुआ है। इस समझौते को लागू न कर अस्थाई कर्मचारियों के साथ धोखा किया जा रहा है। हर्षवर्धन का आरोप है कि एक कथित फर्जी यूनियन अस्थाई कर्मियों के साथ धोखाधड़ी क्यों रही है। क्योंकि वादा किया गया था कि साल भर में 900 अस्थाई कर्मी स्थाई किए जाएंगे। हर 3 महीने में 225 कर्मी स्थाई होंगे। पहले ही तिमाही में यह समझौता फेल हो गया है. टाटा मोटर्स में लगभग 2700 अस्थाई कर्मी हैं।इन सभी अस्थाई कर्मियों को 3 साल के अंदर स्थाई होना था। हर्षवर्धन का कहना है कि पहली तिमाही में अस्थाई कर्मियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से सभी अस्थाई कर्मी फिर आशंका से ग्रसित हो गए हैं कि उन्हें स्थाई किया जाएगा या नहीं.
225 अस्थाई कर्मियों को परमानेंट नहीं किए जाने पर टेल्को वर्कर्स यूनियन ने उठाए सवाल, Tata Motors: It has been 3 months since the agreement was signed in Tata Motors, Tata Motors: टाटा मोटर्स में समझौता हुए 3 महीने हो गए पूरे, Telco Workers Union raised questions on 225 temporary workers not being made permanent.