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यूपी चुनाव : कैराना सीट पर गृह मंत्री अमित शाह से मोर्चा ले रहीं इकरा

यूपी चुनाव में कैराना सीट पर क्या गृह मंत्री का चक्रव्यूह तोड़ पाएंगी सपा प्रत्याशी की बहन एकरा
भाई के जेल जाने के बाद प्रचार का मोर्चा संभालने लंदन से आई हैं कैराना
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची :
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कैराना हॉट सीट बनी हुई है। इस सीट को जीतने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। वहीं सपा उम्मीदवार नाहिद हसन को जेल भेजे जाने के बाद लंदन से कैराना आईं एकरा हसन ने प्रचार का मोर्चा संभाल लिया है। अब देखना यह है कि क्या लंदन से इंटरनेशनल पॉलिटिक्स की पढ़ाई करने वाली एकरा हसन क्या गृह मंत्री के चक्रव्यूह को तोड़ पाएंगी या नहीं। कैराना में बिछी राजनीतिक शतरंज की बिसात पर एक तरफ गृह मंत्री हैं, तो दूसरी तरफ सपा उम्मीदवार की बहन एकरा हसन।
शामली जिले की कैराना सीट पर पूरे विश्व की निगाह टिक गई है। समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के उम्मीदवार सपा के नाहिद हसन ने अधिसूचना जारी होने के पहले ही दिन सपा उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन किया था। इसी के बाद उन्हें पुलिस ने गैंगस्टर के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। उनके जेल जाने के बाद लग रहा था कि कहीं चुनाव आयोग नाहिद हसन का पर्चा रद्द न कर दे। अगर ऐसा होता है तो समाजवादी पार्टी का अगला कदम क्या होगा। इसे लेकर पार्टी के थिंक टैंक ने रणनीति बनाई कि नाहिद हसन की बहन इकरा हसन को भी नामांकन करा दिया जाए। अगर नाहिद हसन का पर्चा खारिज होता है तो एकरा हसन चुनाव मैदान में होंगी। लेकिन नाहिद हसन का पर्चा रद्द नहीं हुआ है। अब नाहिद हसन का सपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ना पक्का है। माना जा रहा है कि अब इकरा हसन नाहिद हसन का ही प्रचार करेंगी। वैसे नामांकन के बाद से ही नाहिद के पक्ष में उनका प्रचार अभियान जारी है। कैराना के सपा कार्यकर्ता शमशुल हक बताते हैं कि इकरा हसन सुबह ही अपने घर से प्रचार के लिए निकल जाती हैं और रात दिन मेहनत कर चुनाव प्रचार कर रही हैं। कैराना विधानसभा सीट से भाजपा की मेगांका सिंह के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों समेत नौ उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर एक लाख मुस्लिम वोटर हैं। वहीं, 90 हजार जाट मतदाता हैं। नाहिद हसन को राष्ट्रीय लोक दल के समर्थन का भी फायदा मिलेगा। नाहिद को पटखनी देने के लिए जाट और मुस्लिम मतदाताओं के बीच‌ फूट डालने की कवायद चल रही है। ये भाजपा का अंतिम हथियार है। इसीलिए भाजपा पलायन के मुद्दे को हवा दे रही है। अब यह सीट भाजपा की नाक का सवाल बन गई है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि गृह मंत्री अमित शाह ने कैराना से भाजपा के चुनाव प्रचार की शुरुआत कर जो दांव खेला है, उसमें किसे जीत हासिल होगी यह कहना मुश्किल है। अगर चुनाव में भाजपा हारती है तो अमित शाह का कद छोटा होगा। क्योंकि उनके सामने नाहिद हसन की बहन इकरा हसन हैं। इकरा हसन राजनीति के मैदान में अभी नई हैं। यह उनकी अग्नि परीक्षा है।

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