न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : मोहर्रम के महीने से शुरू हुआ पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा के नवासे इमाम हुसैन अ. के गम का सिलसिला खत्म हो गया है। शनिवार को शिया समुदाय ईद-ए-जहरा मना रहा है। इसी दिन इमाम हुसैन को शहीद करने वाला यजीदी फौज का कमांडर इब्ने साद गिरफ्तार हुआ था और उसे सजा-ए-मौत दी गई थी। इसी खुशी में शिया समुदाय ईद-ए-जहरा मनाता है। शिया समुदाय के लोगों ने शनिवार को नए कपड़े पहने हैं। नजर व नियाज दिलाई जाएगी। घरों में अच्छे पकवान बनेंगे। शुक्रवार गम के दिन का आखिरी दिन था। एजाज हुसैन बताते हैं कि 8 रबी उल अव्वल को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की महिलाएं और बच्चे यजीदी कैद से रिहा होकर मदीना पहुंचे थे। मदीने के लोगों ने उनको पुरसा दिया था। इसके अलावा शियों के 11 वें इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम की शहादत का भी दिन है। इसलिए 8 रबी उल अव्वल को मजलिस व मातम हुआ। नौ रबी उल अव्वल को हजरत मुख्तार ने यजीदी फौज के कमांडर इब्ने साद को गिरफ्तार कर उसका सर कलम किया था। इसलिए नौ रबी उल अव्वल को खुशी मनाई जाती है। महफिल का भी आयोजन होता है। उलमा बताते हैं कि इमाम हुसैन की शहादत के बाद कूफे की जेल में बंद मुख्तार रिहा किए गए। इसके बाद मुख्तार ने यजीदियों को हराकर कूफे पर कब्जा कर लिया और इमाम हुसैन के कातिलों को एक-एक कर सजा-ए-मौत दी गई।
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ईद मिलादुन्नबी 17 को
शिया समुदाय ईद मिलादुन्नबी का त्यौहार 17 रबी उल अव्वल को मनाता है। एजाज हुसैन बताते हैं कि शिया अकीदे के अनुसार पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा स. की विलादत की तारीख 17 रबी उल अव्वल है। इसलिए शिया समुदाय 24 अक्टूबर को ईद मिलादुन्नबी मनाएगा। इस दिन घरों में फातिहा खानी होगी। महफिले मिलाद का भी आयोजन होगा और पैगंबर अकरम की विलादत का जश्न मनाया जाएगा।