ग्राम प्रधान राजनैतिक विरोधियों के हैंडपंपों की मरम्मत से कर रहे हैं इंकार
न्यूज़ बी रिपोर्टर, कौशांबी : सरकार की गलत नीतियों के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा है।
ग्राम प्रधान राजनीतिक विरोध के चलते हैंडपंप की मरम्मत में भी पक्षपात कर रहे हैं। इसके चलते ग्रामीणों के सामने पानी की विकराल समस्या उत्पन्न हो चुकी है। लेकिन, अधिकारी भी ग्राम प्रधानों के सामने बेबस दिखाई पड़ रहे हैं। इसका नतीजा यह है कि क्षेत्र में उन्हीं हैंडपंप की मरम्मत कराई जा रही है जो प्रधान के अपनों के हैं। बाकी आम जनता हैंडपंप की मरम्मत के लिए बार-बार मांग करती रह जाती है। हैंडपंप की मरम्मत का जिम्मा ग्राम प्रधानों को दिया गया है। प्रधानों के पक्षपातपूर्ण बर्ताव पर पंचायत सचिव भी असहाय महसूस कर रहे हैं। हैंडपंपों की मरम्मत में चल रहे इस खेल में प्रशासन को गंभीरता दिखाते हुए आम जनता के लिए पानी की व्यवस्था करने के लिए एक तरफ से सभी हैंडपंपों की मरम्मत करानी होगी। तभी पानी की दिक्कत दूर हो सकेगी।
तपन भरी दोपहरी में पानी के लिए ग्रामीण जनता परेशान हो रही है। तमाम प्रयास के बाद भी सरकारी नुमाइंदे खराब हैंडपंप की मरम्मत नहीं करा सके हैं। हैंडपंप की मरम्मत का जिम्मा योगी सरकार ने ग्राम पंचायतों को दे दिया है और ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान राजनीतिक विरोध के चलते गांव के कई हैंडपंपों को खराब स्थिति में छोड़ देते हैं। ग्राम प्रधानों की स्थिति यह है कि जिसने उन्हें अपना बना लिया या प्रधानों को जिन पर भरोसा है। उसके मोहल्ले के खराब हैंडपंपों की मरम्मत हो रही है। आला अधिकारी भी सरकारी बजट से मरम्मत होने वाले हैंडपंपों में प्रधान के इस पक्षपात पर मौन धारण करके बैठे हैं। इससे गांव गांव जनता पानी के लिए व्याकुल है। आए दिन मामला अधिकारियों की चौखट पर पहुंचता है। लेकिन जांच और कार्रवाई
तपन भरी दोपहरी में पानी के लिए ग्रामीण जनता परेशान हो रही है। तमाम प्रयास के बाद भी सरकारी नुमाइंदे खराब हैंडपंप की मरम्मत नहीं करा सके हैं। हैंडपंप की मरम्मत का जिम्मा योगी सरकार ने ग्राम पंचायतों को दे दिया है और ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान राजनीतिक विरोध के चलते गांव के कई हैंडपंपों को खराब स्थिति में छोड़ देते हैं। ग्राम प्रधानों की स्थिति यह है कि जिसने उन्हें अपना बना लिया या प्रधानों को जिन पर भरोसा है। उसके मोहल्ले के खराब हैंडपंपों की मरम्मत हो रही है। आला अधिकारी भी सरकारी बजट से मरम्मत होने वाले हैंडपंपों में प्रधान के इस पक्षपात पर मौन धारण करके बैठे हैं। इससे गांव गांव जनता पानी के लिए व्याकुल है। आए दिन मामला अधिकारियों की चौखट पर पहुंचता है। लेकिन जांच और कार्रवाई
के नाम पर फिर ग्राम प्रधान तक शिकायती पत्र पहुंच जाता है। प्रधान जिसे विरोधी मानते हैं। उसके हैंडपंप की मरम्मत नहीं हो पाती। इसी तरह का एक मामला कौशांबी विकास खंड क्षेत्र के बरई बंधवा गांव का है। यहां प्रधान विरोधी के घर के पास लगा हैंडपंप बार बार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद ठीक नहीं हो सका है। तपन भरी गर्मी में ग्रामीण जनता पानी के लिए व्याकुल है। मंगलवार को फिर मामले की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी से करने के बाद फ़ैज़ अहमद ने हैंडपंप मरम्मत की मांग की है