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पीएम आवास योजना के तहत मकान बना रहे लाभुक से नगर निगम ने मांगा नक्शा, रोका निर्माण

पीएम आवास योजना के तहत मकान बना रहे लाभुक से नगर निगम ने मांगा नक्शा, रोका निर्माण
पीएम आवास योजना में निर्माण के लिए नक्शे की बाध्यता नहीं होने पर भी रांची नगर निगम ने भेजा नोटिस
न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची :
रांची नगर निगम ने प्रधानमंत्री आवास योजना ( पीएमवाई वर्टिकल-4) के तहत बना रहे एक लाभुक को नोटिस भेजकर स्वीकृत नक्शे की मांग कर दी है। जबकि, प्रधानमंत्री आवास के लिए भवन प्लान का डिजाइन केंद्र सरकार की तरफ से ही स्वीकृत है। अलग से नगर निगम से नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं होती है। योजना के तहत लाभुक 386 वर्गफीट (करीब 400 वर्गफीट) का घर बना सकता है। घर बनाने के लिए सरकार एक लाभुक को 2.25 लाख की सब्सिडी देती है। लेकिन निगम ने सारे नियम कानून को दरकिनार करते हुए वार्ड-10 विराज नगर में रहने वाले लाभुक झरिया मुंडा से अवैध निर्माण का नोटिस भेजकर स्वीकृत नक्शे की मांग कर दी है। नोटिस में सहायक नगर आयुक्त का हस्ताक्षर है। इसमें कहा गया है कि कनीय अभियंता ने निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। स्वीकृत नक्शा मांगने पर आपके द्वारा नक्शा नहीं दिया गया। जो झारखंड नगर पालिका अधिनयम-2011 को उल्लंघन है। ऐसे में निर्माण कार्य बंद करते हुए तीन दिनों के अंदर नगर निवेशक का नक्शा उपलब्ध कराया जाए। ऐसा नहीं करने की स्थिति में निगम लाभुक पर अनधिकृत निर्माण का केस दर्ज करेगा। वार्ड पार्षद अर्जुन यादव का कहना है कि रांची नगर निगम में भ्रष्टाचार चरम पर है। जो लोग जेब ढ़ीली करते हैं। वह बिना नक्शे के ही मकान बना लेते हैं। लेकिन एक गरीब जिसे सरकार ने मकान बनाने के लिए पैसा दिया है। उस पर सख्ती की जा रही है।‌उसे नोटिस देकर उसका काम बंद कराया जा रहा है।

लाभुक ने कहा बिना जांच के नोटिस थमा दिया
लाभुक झरिया मुंडा ने कहा कि यह नियम के तहत ही प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके घर पर निगम का कोई कनीय अभियंता जांच के लिए नहीं आया है। बिना स्थल निरीक्षण के ही मुझे निगम ने नोटिस भेज दिया है। साथ निगम ने काम भी बंद करा दिया है।
पीएमवाई योजना में नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं
वार्ड-10 के पार्षद अर्जुन यादव ने बताया कि पीएमवाई वर्टिकल-4 में लाभुक को नगर निगम से नक्शा स्वीकृत कराने की जरूरत नहीं पड़ती है। केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार लाभुक आवास का निर्माण करते हैं, लेकिन यह मेरे समझ से परे है कि जिस निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की जरूरत नहीं है। उसके लिए निगम के सहायक नगर आयुक्त ने लाभुक को नोटिस भेजकर स्वीकृत नक्शा दिखाने मांग कर दी। ऐसे में लाभुक निगम के अधिकारियों को कहां से नक्शा दिखाएगा।

राजधानी में 1.88 लाख मकान बिना नक्शा के
राजधानी में दो लाख से अधिक मकान हैं। इनमें से करीब एक लाख 88 हजार 832 मकान बिना नक्शे के ही बने हैं। नगर निगम क्षेत्र में बिना स्वीकृत नक्शा के ही ये मकान बने हुए हैं।

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