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Ranchi : झारखंड में कांग्रेस ने भाजपा से लिया बदला, मांडू के भाजपा विधायक जयप्रकाश पटेल कांग्रेस में शामिल, हजारीबाग से लड़ सकते हैं चुनाव

रांची: झारखंड में लोकसभा का बिल्कुल बज गया है। इसके साथ ही नेताओं को अपने पाले में खींचने की रस्साकशी जोर शोर से जारी है। झामुमो की जामा सीट से विधायक सीता सोरेन ने मंगलवार को भाजपा का दामन थाम लिया था। आज बुधवार को कांग्रेस ने इसका बदला ले लिया है। मांडू सीट से भाजपा विधायक जयप्रकाश पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। इस मौके पर झारखंड कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर और प्रभारी गुलाम अहमद मीर मौजूद रहे। जयप्रकाश पटेल ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा कि वह किसी पर आरोप नहीं लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह साल 2019 के लोकसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के लिए प्रचार में जुटे थे। उन्हें लगा कि झारखंड के लोगों के लिए काम करेंगे। लेकिन, भाजपा में उन्हें ऐसा करने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा कि भाजपा में लोकतंत्र खत्म हो रहा है। पार्टी में कुछ लोग ही अपनी मनमानी कर रहे हैं।
हजारीबाग में गड़बड़ाया भाजपा का गणित
मांडू के विधायक जयप्रकाश पटेल हजारीबाग से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कांग्रेस उन्हें हजारीबाग सीट से उम्मीदवार बना सकती है। ऐसा हुआ तो हजारीबाग लोकसभा सीट पर भाजपा का गणित गड़बड़ा जाएगा। हजारीबाग इलाके में जयप्रकाश पटेल की अच्छी खासी पकड़ है। जयप्रकाश पटेल का कहना है कि वह कांग्रेस में आ गए हैं। उन्हें लोकसभा का टिकट मिले या ना मिले। उनका मकसद इंडिया गठबंधन को मजबूत करना और भाजपा को हराना है।
जयंत सिन्हा का पत्ता काटने के बाद कमजोर हो रही भाजपा
गौरतलब है कि हजारीबाग में भाजपा की स्थिति लगातार कमजोर हो रही है। भाजपा ने यहां जयंत सिंह का पत्ता काट दिया था और मनीष जायसवाल को टिकट दिया है। मनीष जायसवाल हजारीबाग सदर से विधायक हैं। जयंत सिन्हा की इलाके में काफी पकड़ है। जयंत सिन्हा ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि जयंत सिन्हा को किनारे करने का भी भाजपा को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। हजारीबाग के एक नेता राजेश कुमार बताते हैं कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अपने आसपास एक समझदार और मंजे हुए राजनीतिज्ञ को खड़ा नहीं होने देगा। इसीलिए जयंत सिन्हा का पत्ता काटकर मनीष जायसवाल को लाया गया है। सूत्रों की मानें तो पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा इस पूरे खेल के पीछे हैं। मांडू विधायक के भाजपा के पाले में जाने के पीछे भी उनका हाथ बताया जा रहा है। गौरतलब है कि इस इलाके में यशवंत सिन्हा और जयंत सिन्हा की अच्छी खासी पकड़ है।

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