बबलू खान जमीन कारोबारी की करवाना चाहता था हत्या, इंकार किया तो एनामुल और नन्हू को मार डाला
नगड़ी डबल मर्डर का पुलिस ने किया खुलासा, चंदवे के अपराधी बबलू खान सहित चार को पुलिस ने लिया हिरासत में
जागरण संवाददाता, रांची: रांची पुलिस ने नगड़ी में हुए डबल मर्डर केस का खुलासा कर दिया है। छह नवंबर को नगड़ी थाना क्षेत्र के रिंग रोड-लोधमा ओवर ब्रिज के पास ब्रांबे निवासी एनामुल अंसारी और सुरसा गांव निवासी नन्हू अंसारी की हत्या कर शव फेंक दिया गया था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपितों कांके के चंदवे निवासी एनामुल हक उर्फ बबलू खान, कांके चूड़ी टोला निवासी सद्दाम उर्फ कांटा खान, कांके के रिलायंस मार्ट गली निवासी अमित कुमार वर्मा, कमड़े निवासी टोनी लोहरा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपितों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त दो बेसबॉल बैट, एक हॉकी स्टिक, काली जिप्सी, एक एसयूवी कार, मृतक का जला कपड़ा, रस्सी आदि बरामद की है। यह जानकारी रविवार को ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने दी।
ग्रामीण एसपी ने बताया कि घटना का मास्टमाईंड बबलू खान है। पांच नवंबर को एनामुल और नन्हू मजदूरी करने रांची आए थे। दोनों पर बबलू पहले से नजर रख रहा था। सुबह 11 बजे बबलू के कहने पर सद्दाम ने दोनों का अपहरण कर लिया। दोनों को बबलू के चंदवे स्थित अर्धनिर्मित घर ले जाया गया। जहां एनामुल को बेसबॉल बैट और हॉकी स्टिक से पीटकर अधमरा कर दिया। फिर रस्सी से गला घोंट कर मार डाला। एनामुल के बाद अपराधियों ने नन्हू की भी गला दबा कर हत्या कर दी। हत्या के बाद दोनों के शरीर से कपड़े उतार कर बबलू ने अपनी जिप्सी में रखा। चंदवे से लाशें लेकर नगड़ी पहुंचा। वहां सड़क किनारे शव फेंक दिया। मृतकों के कपड़े को दूसरी जगह ले जाकर जला दिया।
जेल में सुविधा लेना एनामुल को पड़ा महंगा
ग्रामीण एसपी नौशाद आलम ने बताया कि चार माह पहले मांडर स्थित रेफरल अस्पताल की खिड़की चोरी के आरोप में एनामुल जेल गया था। इसी दौरान आर्म्स एक्ट में पहले से जेल में बंद बबलू खान से उसकी मुलाकात हुई। बबलू ने एनामुल को जेल में रहने से लेकर खाने पीने की विशेष सुविधा मुहैया कराई। उसका ख्याल रखता था। जमानत के बाद जब एनामुल बाहर निकलने वाला था तो बबलू ने सुविधा के बदले 40 हजार रुपये देने को कहा। अपनी गरीबी का हवाला देते हुए एनामुल ने पैसे देने से इंकार कर दिया। इस पर बबलू ने कहा पैसा नहीं दोगे तो मेरा एक काम करना पड़ेगा। वह जब जेल से छूटकर आएगा तो बताएगा।
40 हजार रुपये चुकता करो नहीं तो हरेंद्र का कत्ल करो
एनामुल के छूटने के कुछ दिनों बाद ही बबलू भी जेल से बाहर निकला। जेल से बाहर आने के बाद बबलू ने एनामुल को बुलाकर वादा याद दिलाया और 40 हजार रुपये के बदले एक जमीन कारोबारी हरेंद्र सिंह की हत्या करने को कहा। एनामुल ने हत्या करने से इंकार कर दिया। काफी समझाने बुझाने के बाद भी जब एनामुल हत्या के लिए राजी नहीं हुआ तो पांच नवंबर को एनामुल को बुलाकर जमकर मारा पीटा। बबलू को लगा कि मारने से एनामुल मान जाएगा। लेकिन पिटाई से वो बेहोश हो गया। चेहरे पर पानी छिड़कने के बाद भी जब होश में नहीं आया तो उसकी गला दबा कर हत्या कर दी।
साक्ष्य छुपाने की नीयत से बेकसूर नन्हू की भी कर दी हत्या
जिस समय घटना को अंजाम दिया गया एनामुल के साथ उसका दोस्त नन्हू भी था। वो सब कुछ देख रहा था। अपराधियों को लगा कि नन्हू अगर जिंदा रह गया तो भेद खुल जायेगा। इसके बाद अपराधियों ने नन्हू की भी रस्सी से गला दबाकर हत्या कर दी।
कांके में हत्या ,नगड़ी में शव को लगाया ठिकाने
दोनों की हत्या करने के बाद चारों आरोपियों ने मृतकों के शव को उठा कर लगभग 25 किलोमीटर दूर नगड़ी इलाके के रिंग रोड के पास फेंक दिया। ताकि किसी को भी उन पर शक ना हो। दोनों शव को ठिकाने लगा कर उनके फोन भी हत्यारों ने गायब कर दिए। यहां तक कि उनके पहचान पत्र अपने पास रख लिए और कपड़ा जला दिया। पुलिस ने कपड़े का टुकड़ा और शर्ट का बटन भी बरामद किया है।
जमीन कारोबारी हरेंद्र सिंह है रांची पुलिस का बर्खास्त जवान
जिस जमीन कारोबारी हरेंद्र सिंह की बबलू खान हत्या करवाना चाहता था। वह पहले रांची पुलिस का जवान था। नौकरी में रहते हुए ही हरेंद्र जमीन कारोबार करने लगा। वर्चस्व को लेकर कई बार हरेंद्र ने अपनी सर्विस राइफल से गोलीबारी की थी। इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया। जबकि बबलू खान भी कांके इलाके का बड़ा जमीन कारोबारी है। जमीन कारोबार में वर्चस्व को लेकर बबलू और हरेंद्र में पुरानी अदावत है। इसी विवाद में हरेंद्र को रास्ते से हटाने की योजना थी।