न्यूज़ बी संवाददाता, रांची : राजधानी के झिरी में स्थापित कचरे का पहाड़ बायो माइनिंग कर हटाया जाएगा। इसके लिए सूडा ने खर्च का प्रारंभिक आकलन तैयार कर लिया है। झिरी में बायो माइनिंग कर कचरा हटाने में ढाई सौ करोड़ रुपए खर्च होने का आकलन किया गया है। सूडा ने केंद्रीय शहरी मंत्रालय को पत्र लिखकर रकम आवंटित करने की मांग की है। साथ ही बायो माइनिंग का डीपीआर भी तैयार होगा। इसके लिए कंसलटेंट का चुनाव हफ्ते भर में कर लिया जाएगा।
झिरी में 42 एकड़ में कचरे का फैलाव है। यहां 24 से अधिक वर्ष से कचरा फेंका जा रहा है। यहां कचरे का काफी ऊंचा पहाड़ तैयार हो गया है। इस कचरे को अब बायो माइनिंग कर खत्म किया जाएगा। बायो माइनिंग का काम नगर निगम कराएगा। इसके लिए डीपीआर तैयार करने और कंपनी चयन करने की जिम्मेदारी सूडा को दी गई है। बायो माइनिंग के तहत वैज्ञानिक ढंग से कचरे का निस्तारण किया जाएगा। जो धातुएं निकलेंगी उन्हें गलाकर उनसे धातु बनाई जाएगी। इसके अलावा प्लास्टिक को गलाकर नया प्लास्टिक बनाया जाएगा। अन्य कचरे से ईंधन बनाया जाएगा। इसके अलावा 10 अन्य शहरों आदित्यपुर, चास, देवघर, धनबाद, गिरिडीह, हजारीबाग, जमशेदपुर, मानगो और रामगढ़ के कचरा डंपिंग यार्ड में कई साल से जमा कचरा भी हटाया जाएगा। इसे भी बायो माइनिंग प्रणाली के तहत रिसाइकिल किया जाएगा।