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लोगों की जान लेने के लिए तैयार हैं राजधानी के खुले हुए नाले, नगर निगम की इंजीनियरिंग शाखा ने ढकने की नहीं बनाई योजना

लोगों की जान लेने के लिए तैयार हैं राजधानी के खुले हुए नाले, नगर निगम की इंजीनियरिंग शाखा ने ढकने की नहीं बनाई योजना

न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची:
राजधानी में खुले हुए नाले एक-एक कर लोगों की जिंदगी निगल रहे हैं। 2019 से हर साल यह सिलसिला चल रहा है। इस साल अब तक 2 लोग नाले में बह कर अपनी जिंदगी गंवा चुके हैं। एक अंबा नगर में और एक नामकुम इलाके में। नगर निगम ने सभी खतरनाक नालों को ढकने की योजना बनाई थी। लेकिन इंजीनियरिंग सेक्शन की ड्रेनेज एवं सीवरेज सेक्शन की लापरवाही के चलते अब तक यह योजना परवान नहीं चढ़ सकी है। शहर में अब भी सैकड़ों खुले हुए नाले हैं जो बेहद खतरनाक हैं। राजधानी के बरियातू में जोड़ा तालाब के पास तालाब के बगल से गया हुआ खुला हुआ नाला बेहद खतरनाक है। इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही के चलते खुले हुए नाले ढकने का काम नहीं हो पा रहा है। जोड़ा तालाब के रहने वाले वसीम अहमद सवाल करते हैं कि आखिर जब नाले बनते हैं तभी इन्हें ढकने का टेंडर क्यों नहीं होता। जब कोई घटना होती है तो नगर निगम के अधिकारी नाले ढकने के अभियान का शोर मचाने लगते हैं। मगर, इंजीनियरिंग सेक्शन की लापरवाही के चलते खुले नालों को ढकने का नगर निगम का अभियान ढीला पड़ जाता है। रांची नगर निगम के इंजीनियरिंग सेक्शन को यही नहीं पता कि राजधानी में कितने खुले हुए नाले हैं। मगर यह सच्चाई है कि जिस मोहल्ले में चले जाइए उसी मोहल्ले में तीन-चार खुले नाले मिल जाएंगे। यह नाले बरसात में जानलेवा रूप धारण कर लेते हैं। नाला निर्माण से ज्यादा महत्वपूर्ण हिना को ढकने का काम हो गया है। मजा रांची नगर निगम का इंजीनियरिंग विभाग इसे महत्वपूर्ण नहीं समझ रहा है। यह इंजीनियरिंग शाखा की संवेदनहीनता ही है। एक-एक कर नाले राजधानी के लोगों की जिंदगी खत्म कर रहे हैं और इंजीनियरिंग सेक्शन तमाशा देख रहा है।
2019 में हिंदपीढ़ी के निजाम नगर की बच्ची फलक की नाले में बह जाने से मौत हो गई थी। इसके बाद पिछले साल खोरहा टोली में हजारीबाग का एक युवक उमेश राणा बाइक समेत नाले में बह गया था। इस घटना के बाद रांची नगर निगम के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने राजधानी के सभी नालों को कवर करने की योजना तैयार की थी। इस योजना के तहत 25 नालों को ढाका जाना था। यह काम इंजीनियरिंग शाखा को करना था। लेकिन इंजीनियरिंग शाखा ने योजना तैयार करने और इसके टेंडर में इतनी देर कर दी कि अभी तक इन नालों का निर्माण पूरा नहीं हो पाया है। अभी भी नाले नहीं ढके जा सके हैं। इंजीनियरिंग शाखा के सीवरेज ड्रेनेज सेक्शन के अभियंता बताते हैं कि 25 नालों को कवर करने के काम का टेंडर हो चुका है। इनका काम चल रहा है। इसके अलावा इस साल 8 नालों को कवर करने की योजना बनाई गई है। लेकिन इन 8 नालों को कवर करने के काम का टेंडर अब तक नहीं हो पाया है। इंजीनियरिंग विभाग का कहना है कि इन नालों का सर्वे करने के बाद टेंडर होगा। लेकिन, यह इंजीनियरिंग विभाग का महज जुमला है। इस साल अंबा नगर और नामकुम इलाके में एक एक व्यक्ति नाले में बह गए थे। तब भी नालों को ढकने की चर्चा नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग में चल रही थी। लेकिन, बरसात खत्म होने के बाद यह चर्चा भी दम तोड़ चुकी है।
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