Home > Jamshedpur > गोलमुरी में अनोखी शादी में बारात लेकर ठुमके लगाती दुल्हन के पहुंचने पर महिला पुरोहित ने पढ़े शादी के मंत्र, दूल्हे का गृह प्रवेश

गोलमुरी में अनोखी शादी में बारात लेकर ठुमके लगाती दुल्हन के पहुंचने पर महिला पुरोहित ने पढ़े शादी के मंत्र, दूल्हे का गृह प्रवेश

न्यूज़ बी रिपोर्टर जमशेदपुर : जमशेदपुर के गोलमुरी में एक अनोखी शादी हुई है। इस शादी में दुल्हन बनी सामाजिक कार्यकर्ता सुरभि शर्मा अपनी बारात लेकर पहुंचीं। उनकी शादी के मंत्र महिला पुरोहित ने पढ़े। महिला पुरोहित ने विवाह की प्रक्रिया पूरी कराई। ‌ सामाजिक महिला कार्यकर्ता सुरभि शर्मा कि यह शादी पश्चिम सिंहभूम के चक्रधरपुर के रहने वाले टाटा स्टील के मैनेजर प्रशांत शर्मा के साथ हुई है। सुरभि शर्मा ने सोमवार को बताया कि वह महिला सशक्तिकरण से प्रभावित रही हैं। इसीलिए उन्होंने अपनी शादी में महिला पुरोहित को बुलाया और खुद बारात लेकर पहुंचीं। सरायकेला के आदित्यपुर के रोड नंबर 13 के रहने वाले बिजनेसमैन ललन शर्मा और होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ मंजू शर्मा की छोटी बेटी सुरभि शर्मा बताती हैं कि वह चाहती थीं कि शादी की सामाजिक परंपराओं को तोड़ा जाए। सुरभि ने कहा कि उन्होंने शादी का पूरा प्लान प्रशांत को बताया तो उन्होंने अपनी सहमति दे दी। प्रशांत के घर वाले भी तैयार हो गए। इसके बाद गोलमुरी स्थित एक होटल में जिस धूमधाम से शादी हुई उससे लोग हैरत में पड़ गए। यह शादी बिना कन्यादान के हुई। जब दूल्हा ससुराल गया तो वहां उसका गृह प्रवेश उसी तरह कराया गया, जैसा की दुल्हन का कराया जाता है। सुरभि कहती हैं कि पति विष्णु का रूप होते हैं। इसीलिए उनका गृह प्रवेश वैसे ही कराया गया जैसे दुल्हन को लक्ष्मी का रूप मानकर उसका गृह प्रवेश कराया जाता है। सुरभि शर्मा ने शादी में घूंघट नहीं किया। क्योंकि उनका मानना है कि घूंघट लज्जा का प्रतीक है और यह महिला को कमजोर बनाता है। सुरभि के माता-पिता बिहार के छपरा के रहने वाले हैं और प्रशांत के परिवार के लोग भी बिहारी हैं। इसलिए उन्हें इस अनोखी शादी के लिए रजामंद करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन बाद में वह लोग मान गए। ‌ सुरभि शर्मा का कहना है कि उनकी यह मैरिज लॉजिकल मैरिज है। ‌ सुरभि शर्मा ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में अग्रणी भूमिका निभाती रही हैं। इसलिए सभी को आर्गेनिक बैग में शुगर फ्री मिठाई के साथ दो पेंसिल दी गई। जिसमें बीज लगा हुआ था और उसे किसी भी गमले में लगाकर पौधा उगाया जा सकता है।

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