न्यूज़ बी रिपोर्टर, रांची : केंद्र सरकार मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीछे पड़ी है। हेमंत सोरेन को घेरने की पूरी कवायद शुरू है। ईडी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पीछे हाथ धोकर पड़ी है। खनन सचिव पूजा सिंघल के सीए के घर छापेमारी के बाद 19.3 करोड़ रुपए की बरामदगी का मामला सामने आने से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुसीबत बढ़ गई है। झारखंड की सियासत में उबाल आने की वजह से राजनीतिक पारा गरम है। मुख्यमंत्री के खनन लीज से संबंधित मामलों के अलावा स्टील कंपनियों में निवेश का मामला भी गरमाया जा रहा है। इसी बीच चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस जारी किया है। इसे लेकर अब सूबे में मुख्यमंत्री का चेहरा बदले जाने की चर्चा शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को विधायकी के अयोग्य घोषित कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा। हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। लेकिन दिग्गजों का मानना है कि शिबू सोरेन का खराब स्वास्थ्य इसके आड़े आ सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को नया मुख्यमंत्री घोषित कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस कभी नहीं चाहेगी कि वह सरकार से बाहर हो। वह सत्ता के सुख को गंवाना नहीं चाहती। बीजेपी भी अभी कोई उथल-पुथल नहीं चाहती। बीजेपी भी चाहती है कि राज्य सभा चुनाव हो जाएं। इसलिए माना जा रहा है कि राज्यसभा चुनाव के बाद प्रदेश में नई उथल-पुथल तेज होगी। बीजेपी का पूरा जोर है कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो। इसके लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार है। अगर मुख्यमंत्री अपने विधायकों को समेट कर रख पाते हैं तो वह झामुमो की सरकार बचा सकते हैं। वहीं कई राजनीतिक दिग्गजों का मानना है कि ईडी के बाद अब सीबीआई की भी राज्य में एंट्री हो सकती है। सीबीआई को भी पूजा सिंघल के मामले में जांच का आदेश दिया जा सकता है और उसी जांच के सहारे विपक्ष के बड़े दिग्गजों को घेरने की कवायद है। गौरतलब है की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने हेमंत सोरेन पर इसी साल फरवरी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पद का दुरुपयोग कर रांची जिले में अपने पक्ष में पत्थर का खनन लीज पट्टा हासिल करने का आरोप लगाया था और कहा था कि यह रिप्रेजेंटेशन आफ पीपल्स एक्ट की धाराओं का उल्लंघन है। इसी के बाद मामला गरमाया हुआ है।