न्यूज़ बी रिपोर्टर, यूपी : यूरोप के सैनिक गठबंधन नाटो ने यूक्रेन के आसमान पर नो फ्लाई जोन बनाने से इंकार कर दिया है। नो फ्लाई जोन बन जाने के बाद रूसी लड़ाकू विमान यूक्रेन के आसमान पर नहीं उड़ सकते थे। इस तरह यूक्रेन हवाई बमबारी से बच जाता। लेकिन नाटो ने नो फ्लाई जोन बनाने से इनकार कर दिया। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने नाटो गठबंधन से यूक्रेन के आसमान पर नो फ्लाई जोन का ऐलान करने की अपील की थी। नाटो गठबंधन के यूक्रेन पर नो फ्लाई जोन नहीं घोषित करने से यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादीमीर जेलेंस्की भड़क गए हैं। उन्होंने एक वीडियो मैसेज जारी कर नाटो पर जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि नो फ्लाई जोन के मामले पर हुई नाटो की मीटिंग कमजोर मीटिंग थी। नाटो के देश कमजोर देश हैं। जेलेंस्की ने कहा कि नो फ्लाई जोन का एलान नहीं कर नाटो गठबंधन ने रूसी लड़ाकू विमानों को यूक्रेन पर हवाई बमबारी करने का ग्रीन सिग्नल दे दिया है। गौरतलब है कि नाटो यूरोपीय देशों का एक संगठन है। इसमें ब्रिटेन, फ्रांस, तुर्की समेत अन्य शक्तिशाली यूरोपीय देशों की संयुक्त सेनाएं हैं। नाटो के देशों ने यूक्रेन को नाटो में शामिल करने का शिगूफा छोड़ दिया था। यूक्रेन के राष्ट्रपति भी नाटो में शामिल होने और नाटो की फौजों को यूक्रेन में तैनात करने की कवायद शुरू कर रहे थे। इसी को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की नाराजगी और बढ़ गई थी। गौरतलब है कि यूक्रेन की आबादी में 78% यूक्रेनियन और 18 फीसद रूसी हैं। रूसी नस्ल यूक्रेन के डॉन बॉस इलाके में बस्ती है यहां के लुगांस्क और बोनस के इलाके रूसी बाहुल्य माने जाते हैं। साल 2014 में यूक्रेन में तख्तापलट हुआ था और अमेरिका समर्थित व्लादीमीर जेलेंस्की सत्ता में आए थे। रूसियों ने इसका विरोध किया था और डोनस्क और लुगांस्क ने खुद को आजाद घोषित कर दिया था। तब से यूक्रेन में संघर्ष चल रहा है। रूसियों का आरोप है कि यूक्रेन की सेना ने डॉनबॉस इलाके में कई सैनिक कार्रवाई की।