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बाबर पर एफआईआर से मुस्लिम समाज में नाराजगी

झामुमो में मुसलमान सिर्फ श्रद्धांजलि देने के लिऐ:‌‌ अयूब खान

न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : हिजाब के मुद्दे पर साकची के आम बागान में हुए प्रदर्शन के बाद बाबर खान समेत अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज होने से मुस्लिम समाज में नाराजगी है। झामुमो के नेता व झारखण्ड आंदोलनकारी अयूब खान ने कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा में मुसलमान की पहचान केवल श्रद्धांजलि देना ही रह गया है।
अयूब खान ने कहा कि आज जो उम्मीद झारखण्ड सरकार में हेमंत सोरेन और कांग्रेस से मुसलमानों को थी और जिस सोच के तहत शहीद शेख भिखारी और अशफाकुल्ला खान जैसे वीरों ने अपनी कुर्बानी देकर झारखण्ड को सजाने संवारने और सब को अधिकार दिलाने का आंदोलन किया वह बेकार जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ वर्तमान सरकार और जमशेदपुर ज़िला प्रशासन का रवैया अच्छा नहीं है। आज भारत के मुसलमानों को उन के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। अपनी बात रखने के लिए प्रदर्शन करने पर मुकदमे दर्ज हो रहे हैं। अयूब खान ने इसे मुसलमानों की आवाज दबाने की सोची समझी साजिश कहा। उन्होंने कहा कि मुसलमान शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिस दिन मुसलमानों ने नकाब के समर्थन में प्रदर्शन किया उसी दिन एक संगठन ने नकाब के विरोध में प्रदर्शन किया। लेकिन इस संगठन पर एफआईआर नहीं हुई। यह कहां का न्याय है। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष से पार्टी में बिना पद लिए आंदोलन किया। गुरु जी के साथी बन कर अपनी जवानी को कुर्बान कर दिया। उन्होंने कहा कि झामुमो सरकार में अगर अल्पसंख्यक समुदाय की उपेक्षा हो रही है तो यह बहुत ही अफसोस की बात है।
अयूब खान ने कहा कि आंदोलन करना सब का अधिकार है। इस अधिकार से मुसलमानों को रोकना और मुस्लिम महिलाओं पर मुकदमा दर्ज होना चिंता का विषय है। जो झारखण्ड राज्य में भाजपा सरकार में नही हुआ वह झामुमो सरकार में हो रहा है।

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