न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट का निर्माण अभी शुरू नहीं हुआ है। निर्माण कार्य बाधित है। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अपने कार्यकाल में एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था। लेकिन, अभी रत्ती भर निर्माण नहीं हो पाया है। इसे लेकर सांसद विद्युत वरण महतो ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के निर्माण में वन विभाग की मंजूरी मिलना बाकी है। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि शायद धालभूमगढ़ एयरपोर्ट के मामले में भूमि की कुछ समस्या है। इस पर सांसद ने उन्हें बताया कि राज्य सरकार के द्वारा वन और पर्यावरण स्वीकृति दिया जाना बाकी है। इसके बाद एयरपोर्ट अथॉरिटी आफ इंडिया वहां निर्माण कार्य शुरू कर देगी। गौरतलब है कि धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट निर्माण का प्रस्ताव है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसकी मंजूरी भी दे दी है। लेकिन सेना ने इसका विरोध किया था। सेना के पटना स्थित दफ्तर से अधिकारी जमशेदपुर आए थे और उन्होंने कहा था कि जहां पर धालभूमगढ़ एयरपोर्ट बनाने की योजना तैयार हुई है। वह सेना की जमीन है। अधिकारियों के पास इसके कागज भी हैं। इलाके के ग्रामीणों से जमीन का अधिग्रहण कर सरकार ने यह जमीन सेना को सौंपी थी। सेना का कहना था कि यह एयरपोर्ट उनके लिए सामरिक महत्व का है। चीन से युद्ध होने पर यहां से लड़ाकू जहाज उड़ाए जा सकते हैं। इसके बावजूद सरकार यहां एयरपोर्ट बनाने की जिद पर अड़ी हुई है। जबकि यह देश हित का मामला है। गौरतलब है कि एयरपोर्ट के आसपास कई बड़े नेताओं और रसूखदारों ने जमीनें खरीद रखी हैं। यहां फार्म हाउस बन रहा है। अगर एयरपोर्ट की योजना फ्लॉप होती है तो इन रसूखदारों, नेताओं और भू माफियाओं को तगड़ा घाटा लगेगा। इसीलिए यह रसूखदार, नेता और माफिया धालभूमगढ़ में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू कराने की कवायद में रात-दिन एक किए हुए हैं।