न्यूज़ बी रिपोर्टर, जमशेदपुर : ईद-उल-जोहा का चांद गुरुवार 30 जून को नजर आ गया है। रांची में इमारत ए शरिया और इदारा ए शरिया के उलमा ने चांद का ऐलान कर दिया है। इसी तरह लखनऊ से आल इंडिया शिया चांद कमेटी ने भी चांद होने की तस्दीक कर दी है। उलमा ने ऐलान किया है कि 1 जुलाई को जिलहज की 1 तारीख होगी। एक तारीख को हजरत अली की शादी की सालगिरह है। शिया मुसलमान इस दिन को जश्न मनाते हैं। जिलहज की 10 तारीख को ईद-उल-जोहा यानी बकरीद का त्यौहार मनाया जाएगा और 18 जिलहज को बड़ी ईद ईद-ए-गदीर मनाई जाएगी। इस दिन पैगंबर हजरत मोहम्मद मुस्तफा के चचेरे भाई हजरत अली की ताजपोशी के तौर पर मनाई जाती है। उलमा बताते हैं कि 18 जिलहज के दिन हजरत मोहम्मद मुस्तफा ने गदीर में लोगों को एकत्र कर हजरत अली की विलायत, खिलाफत और इमामत का ऐलान किया था। ईद ए गदीर शिया मुसलमान जोशो खरोश से मनाते हैं। जबकि ईद उल अजहा शिया और सुन्नी दोनों मुसलमान मनाते हैं। इदार ए शरिया के रांची दफ्तर में मुफ्ती एजाज हुसैन मिस्बाही की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में नाजिम ए आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने बताया कि रांची समेत झारखंड के 60 स्थानों पर रुवत हेलाल केंद्र स्थापित किया गया था। बादल होने की वजह से किसी भी हिस्से में चांद नजर नहीं आया। लेकिन, बिहार के पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, मालदा, बंगाल, नेपाल, तमिलनाडु, हैदराबाद आदि अन्य जगहों पर चांद देखने की सूचना मिली है। बिहार से चांद की शहादत भी हो गई है। शहादत मिल जाने के बाद चांद का ऐलान किया गया है। 10 जुलाई को ईद उल अजहा का त्यौहार मनाया जाएगा।