किस करवट बैठेगा सियासत का ऊंट, लगी है देश भर की टकटकी
न्यूज़ बी रिपोर्टर, मुंबई : महाराष्ट्र संकट में ऊंट किस करवट बैठेगा इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगर शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे 37 विधायक नहीं जुटा पाते हैं, तो भाजपा का खेल बिगड़ जाएगा। क्योंकि, शिवसेना से यह धड़ा तभी अलग हो सकता है, जब उसके पास विधायकों की दो तिहाई संख्या हो। इससे कम होने पर विधायकों के अयोग्य होने का खतरा रहेगा। वैसे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चला गया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दलबदल करने वाले विधायकों को 5 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है। दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे ने भी अपने वकीलों की टीम सुप्रीम कोर्ट में लगा दी है। शिवसेना के विधायकों का आरोप है कि एकनाथ शिंदे के पीछे भाजपा खड़ी है। एकनाथ शिंदे तो सिर्फ मोहरा हैं। उन्हें दिल्ली से जो निर्देश भेजा जा रहा है। उसी के हिसाब से वह आगे का कदम बढ़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अनिल साहनी कहते हैं कि शिंदे के पास अगर 37 से कम विधायक हुए तो फिर वह प्रभावशाली नहीं रह जाएंगे। उनका खेल बिगड़ जाएगा। उधर सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है कि शिंदे के पास शिवसेना के दो-तिहाई विधायक नहीं जा सकें। महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। इसमें से शिवसेना के पास 56 विधायक हैं। उसकी सहयोगी एनसीपी के पास 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। इस तरह आंकड़ा बहुमत के करीब पहुंचा है। उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार को 153 विधायकों का समर्थन है। जबकि, भाजपा की 106, आरएसपी एक, जेएसएस एक और पांच निर्दलीय मिलाकर कुल 113 विधायक एनडीए के पास है। एआईएमआईएम के दो विधायक और निर्दलीय 19 विधायक भी हैं। एकनाथ शिंदे अगर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाते हैं तो भी उनके पास दो तिहाई बहुमत होना चाहिए।
—