न्यूज़ बी: सोमवार से लोकसभा का सत्र शुरू हो रहा है। यह सत्र 10 दिनों तक चलेगा। 3 जुलाई को लोकसभा का यह सत्र समाप्त होगा। सत्र के पहले दो दिन 24 और 25 जुलाई को प्रोटेम स्पीकर नए सांसदों को शपथ दिलाएंगे। 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। 27 जून को लोग राज्यसभा का सत्र शुरू होगा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू लोकसभा व राज्यसभा के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार विश्वास मत हासिल करेगी। सत्र के आखिरी दो दिन दो और तीन जुलाई को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार धन्यवाद प्रस्ताव लाएगी। इस पर चर्चा होगी। 10 साल बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के सामने तगड़ा विपक्ष है। माना जा रहा है कि विपक्ष इस बार सरकार की कमजोरी पर चुप नहीं बैठेगा। भाजपा की केंद्र सरकार नीट यूजी पेपर लीक मामले में घिरी हुई है। उसके द्वारा बनाई गई नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की भूमिका पूरे मामले में संदिग्ध नजर आ रही है। इंडिया गठबंधन इस मामले को लेकर देश भर में आंदोलन कर रहा है। माना जा रहा है कि नीट पेपर लीक मामला संसद में भी गूंजेगा। लोकसभा में विपक्ष हंगामा करेगा और सरकार से इस संबंध में सवाल पूछे जाएंगे। सरकार के सामने इस मुद्दे पर कई सवाल हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 1567 छात्रों को नियमों का उल्लंघन करते हुए ग्रेस मार्क क्यों दिए। सरकार इस मुद्दे पर फांसी हुई है। जब 14 जून को नीट का रिजल्ट घोषित होना था तो फिर इसे आनन-फानन में लोकसभा चुनाव के मतगणना वाले दिन 4 जून को ही कैसे घोषित किया गया। यह सब ऐसे सवाल हैं जिसका जवाब सरकार के पास नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार सिर्फ लीपा पोती में जुटी है। विपक्ष के हंगामे के जवाब में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान अपनी सफाई पेश कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि लोकसभा में विपक्ष का सामना करते समय केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के पास भी बोलने के लिए कुछ रहे, इसीलिए केंद्र सरकार कार्रवाई में जुट गई है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के चीफ को हटा दिया गया है। मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। हालांकि इस पूरे मामले में केंद्र सरकार के हाथ खाली हैं। पेपर लीक मामले के छोटे-मोटे अपराधियों को तो गिरफ्तार किया गया है। लेकिन, बड़ी मछलियां अभी भी पकड़ से बाहर हैं। उनके नाम तक सामने नहीं आए हैं। नीट का पेपर लीक होना बड़ा मामला है। सरकार पहले तो पूरे मामले को दबाने में जुटी रही। वह बराबर यह कहती रही कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। जबकि बिहार पुलिस ने पटना के एक स्कूल से नीट यूजी के जले हुए पेपर बरामद किए थे। ग्रेस मार्क पर जब हो हल्ला हुआ तब सरकार बैक फुट पर आई। बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद अब इस मामले की जांच शुरू कराई गई है। अब देखना यह है कि सीबीआई इस कांड के बड़े-बड़े खिलाड़ियों को गिरफ्तार करती है या फिर छोटी मछलियों को ही जेल भेज कर पूरा मामला समेट दिया जाएगा।
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